पटना।
चिकित्सक दिवस 2025 के अवसर पर एम्स पटना के आपातकालीन चिकित्सा विभाग द्वारा मंगलवार को कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) को लेकर जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ऐतिहासिक तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब परिसर में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को जीवनरक्षक कौशल के प्रति जागरूक करना था। इस दौरान हैंड्स-ओनली सीपीआर तकनीक का प्रदर्शन किया गया। साथ ही हृदयाघात के शुरुआती लक्षणों की पहचान, त्वरित प्रतिक्रिया की अहमियत तथा एंबुलेंस या चिकित्सकीय सहायता पहुंचने से पहले आम नागरिकों की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
एम्स पटना की ओर से कार्यक्रम में आपातकालीन चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. दिवेंदु भूषण, सहायक प्राध्यापक डॉ. दीपक कुमार, सीनियर रेजिडेंट डॉ. विनय कुमार सिंह, सहायक नर्सिंग अधीक्षक सीताराम एवं इंदरजीत सिंह यादव शामिल रहे।
गुरुद्वारा पहुंचे श्रद्धालुओं एवं प्रबंधन स्टाफ ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और सीपीआर का व्यावहारिक अभ्यास भी किया। यह आयोजन एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (ब्रिगेडियर) डॉ. राजू अग्रवाल तथा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुप कुमार के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर डॉ. दिवेंदु भूषण ने कहा कि सीपीआर के प्रति जागरूकता केवल चिकित्सकीय आवश्यकता नहीं, बल्कि सामुदायिक जिम्मेदारी है। समय पर किया गया सीपीआर अचानक हृदयगति रुकने की स्थिति में जीवन बचाने की संभावना को कई गुना बढ़ा सकता है।
एम्स पटना के आपातकालीन चिकित्सा विभाग ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही के प्रति आभार व्यक्त किया। विभाग ने यह भी बताया कि आम नागरिकों की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को सशक्त बनाने के लिए भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे।

अजीत कुमार की रिपोर्ट