
विविधता में एकता की भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुति ने मोहा मन
फुलवारी शरीफ।
इमैनुएल ग्रुप ऑफ स्कूल्स, इमैनुएल नगर, निहुरा में विद्यालय का 18वां वार्षिक दिवस एवं क्रिसमस उत्सव हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना के साथ हुआ, जिसके बाद स्वागत भाषण एवं मधुर स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
विद्यालय के नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने नृत्य, नाटक, गीत-संगीत और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को मंच पर जीवंत कर दिया। बच्चों ने तमिल, तेलुगू, पंजाबी, बिहारी, गुजराती सहित विभिन्न राज्यों की लोक-संस्कृतियों पर आधारित मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। विद्यार्थियों की शानदार कला-प्रदर्शन पर अभिभावकों और अतिथियों ने जमकर तालियां बजाईं।
कार्यक्रम में सार्थक सिंह, आरव कुमार, अनुष्का कुमारी, सिमरन कौर और आदित्य राज सहित कई बच्चों ने अपनी प्रतिभा से सबका दिल जीत लिया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नीरज कुमार सिंह, एमएलसी, पटना एवं वरिष्ठ प्रवक्ता, जदयू ने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है। नालंदा विश्वविद्यालय विश्वभर में ज्ञान के प्रकाश का केंद्र रहा है और आज भी देश-विदेश के विद्यार्थी वहां अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों से हर प्रकार की शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ने और देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि सुशीता अनुपम, आईएएस, एडीजी सह विशेष सचिव, गृह विभाग, बिहार सरकार ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विद्यालय के संस्थापक निदेशक आर्चबिशप डॉ. ई. ए. अब्राहम ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य बच्चों को देश सेवा और मानवता के मूल्यों के लिए तैयार करना है। इसी सोच के साथ शिक्षा प्रदान की जा रही है ताकि विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्र का नाम रोशन करें।
वहीं विद्यालय की प्राचार्या प्रिंसी मैम ने कहा कि हमारे बच्चे ‘विविधता में एकता’ की भावना को सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं। विभिन्न राज्यों की भाषाओं, संस्कृतियों, वेशभूषाओं और लोकनृत्यों के माध्यम से बच्चों ने भारतीय एकता का संदेश दिया है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में बहुभाषी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि विद्यार्थी भविष्य में हर क्षेत्र में सफल हो सकें।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। पूरे आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और चरित्र निर्माण का भी सशक्त माध्यम है।
अजीत कुमार की रिपोर्ट
