पटना। हाड़ कंपा देने वाली ठंड और घने कोहरे ने बिहार में आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी पटना सहित पूरे प्रदेश में सर्द हवाओं के साथ तापमान तेजी से नीचे लुढ़क गया है। हालात ऐसे हैं कि सुबह ही नहीं, दिन के समय भी धूप नदारद है और जनजीवन लगभग ठहर सा गया है। मौसम विभाग ने शीतलहर और घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, वहीं अगले 4 से 5 दिनों तक ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है। पटना, गया, डेहरी जैसे इलाकों में अधिकतम तापमान करीब 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे कनकनी बढ़ गई है। सुबह और शाम के समय ठंडी पछुआ हवाओं के कारण हालात और ज्यादा खराब हो जा रहे हैं। उत्तर बिहार के जिलों में सुबह के वक्त घना कोहरा छाने से दृश्यता बेहद कम हो गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने जानकारी दी है कि अगले दो दिनों तक सभी जिलों में शीतलहर और कोहरे का ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा। कई इलाकों में मध्यम से लेकर घने स्तर का कोहरा छाने की संभावना है। हालांकि अगले कुछ दिनों में तापमान में बड़े बदलाव के आसार नहीं हैं, लेकिन उसके बाद 1 से 2 डिग्री की हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।
बीते 24 घंटों में राज्य का मौसम शुष्क बना रहा। किशनगंज में अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सबौर (भागलपुर) और डेहरी (रोहतास) में 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। कई जिलों में अधिकतम तापमान में 4 से 10 डिग्री तक की गिरावट देखी गई है। पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में दृश्यता महज 200 मीटर तक सिमट गई।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि 20 दिसंबर को कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया और उत्तर-मध्य बिहार के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छा सकता है। 21 दिसंबर को पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी में कोहरे का असर रहेगा, जबकि 22 दिसंबर को गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों में कोहरा परेशान कर सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बिहार में पछुआ हवाओं का असर बना हुआ है, जिससे ठंड और बढ़ने की संभावना है। फिलहाल राज्य में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात पर असर पड़ रहा है।
पटना और आसपास के इलाकों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। दिन में भी अंधेरे जैसा माहौल बना रहा, बाजारों और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। ग्रामीण इलाकों में शाम ढलते ही सन्नाटा छा जा रहा है। मजदूर, रिक्शा चालक और ठेला-खोमचा लगाने वाले लोग अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। खुले में रहने वाले गरीब और बेसहारा लोग इस ठंड से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं।
ठंड का असर स्वास्थ्य, खेती और पशुपालन पर भी साफ दिखने लगा है। अस्पतालों में सर्दी-खांसी, बुखार और सांस की बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। खेतों में कामकाज प्रभावित है और फसलों पर पाले का खतरा मंडरा रहा है। पशुपालक अपने मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अतिरिक्त इंतजाम कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। अनावश्यक रूप से सुबह और देर रात बाहर निकलने से बचने, गर्म कपड़े पहनने और बच्चों, बुजुर्गों व बीमार लोगों का खास ख्याल रखने की सलाह दी गई है।

अजीत कुमार की रिपोर्ट