एम्स पटना में सोमवार को “लोक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के प्रबंधन” विषय पर सातवें छह-दिवसीय राष्ट्रीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण 8 से 13 दिसंबर 2025 तक चलेगा। कार्यक्रम का आयोजन एम्स पटना के अस्पताल प्रशासन विभाग द्वारा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्थ सेक्टर डिसास्टर प्रीपेरेडनेस प्रोग्राम के तहत किया गया है।

यह प्रशिक्षण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों के दौरान तैयारी, रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

उद्घाटन एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (ब्रिग.) डॉ. राजू अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि “जिला स्तर पर सक्षम, प्रशिक्षित और समन्वित आपात प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना समय की मांग है।” उद्घाटन सत्र में संजय पांडे (विभागाध्यक्ष, समुदाय एवं परिवार चिकित्सा और कार्यवाहक डीन—एकेडमिक), प्रो. (डॉ.) अनुप कुमार (चिकित्सा अधीक्षक) तथा डॉ. सुजीत कुमार सिन्हा (विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन एवं पाठ्यक्रम समन्वयक) उपस्थित थे।

एम्स पटना द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चार प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनके माध्यम से स्वास्थ्य प्रशासकों और फ्रंटलाइन चिकित्सा कर्मियों को आधुनिक आपदा प्रबंधन कौशल प्रदान किए जाते हैं। यह पहल देशभर में महामारी, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए मजबूत व लचीली स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने की सरकारी नीति का हिस्सा है।

इस बार के प्रशिक्षण में बिहार, असम, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आए जिला स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासक भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों की आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करना है।

पहले दिन का फोकस: महामारी के बाद मजबूत स्वास्थ्य तंत्र की जरूरत
पहले दिन प्रतिभागियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से जुड़े विविध पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. सुजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि यह कार्यक्रम अधिकारियों को त्वरित, समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक कौशल उपलब्ध कराता है। उन्होंने महामारी के बाद स्वास्थ्य तंत्र को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके बाद बेसिक कॉन्सेप्ट्स इन डिसास्टर मैनेजमेंट और लीगल, पॉलिसी एवं इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क पर सत्र आयोजित हुए।
अस्पताल प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रामकृष्ण मंडल ने हेल्थ इमरजेंसी रिस्क असेसमेंट और पब्लिक हेल्थ सर्विलांस पर विस्तार से व्याख्यान दिया।

दोपहर बाद समुदाय एवं परिवार चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार निराला ने बेसिक्स ऑफ एपिडेमियोलॉजी पर सत्र लिया। इसके बाद डॉ. महेंद्र एम. ने आउटब्रेक इन्वेस्टिगेशन पर इंटरैक्टिव प्रशिक्षण और व्यावहारिक अभ्यास कराया।

दिन का समापन डॉ. रामकृष्ण मंडल द्वारा पब्लिक हेल्थ सर्विलांस तथा डॉ. बिनोद कुमार पती द्वारा लैबोरेटरी सपोर्ट ड्यूरिंग डिसास्टर्स विषयक सत्रों के साथ हुआ।

अजीत कुमार यादव की रिपोर्ट