
पटना शहर में बढ़ते जाम और अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने साफ कहा कि यात्री और आम जनता पूरे अभियान के केंद्र में रहेंगे, इसलिए हर कदम उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया जाएगा। ऑटो संघ, ई-रिक्शा यूनियन, दुकानदार संगठनों और वेंडर प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि प्रशासन इस बार बिना संवाद के कोई निर्णय नहीं लेना चाहता।
सबसे बड़ा बदलाव पटना जंक्शन के सामने दिखाई देगा, जहाँ अब ऑटो खड़े नहीं हो पाएंगे। जंक्शन पर हमेशा बने रहने वाले जाम और अव्यवस्थित ऑटो स्टैंड की शिकायतों को देखते हुए सभी ऑटो को टाटा पार्क में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। वहीं रेलवे टेम्पू पड़ाव से जंक्शन के बीच सड़क किनारे लगे ठेले व दुकानों को सामने वाले लेन में ले जाने की योजना बनी है, जिससे यात्रियों की आवाजाही में आसानी होगी। रेलवे ने भी जीपीओ के पास तय टेम्पू स्टैंड को नियम और निर्धारित किराए के साथ व्यवस्थित कराने की जिम्मेदारी ली है।
ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए यह बदलाव चुनौती और राहत दोनों लेकर आ सकता है। जहां एक ओर नई पार्किंग व्यवस्था से उनकी रोज़मर्रा की रूटीन बदलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रशासन का दावा है कि इससे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी और चालकों को मनमाने रोक-ठहराव पर होने वाली कार्रवाई का डर कम होगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि वाहन संचालन चरणबद्ध तरीके से हो, अनावश्यक कट बंद किए जाएँ और वन-वे नियम का सख्ती से पालन कराया जाए—ये सारे कदम ट्रैफिक दबाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
यात्रियों के लिए भी कुछ नए इंतज़ाम आने वाले हैं। मल्टी-लेवल पार्किंग को पूरी तरह क्रियाशील करने, फुटओवर ब्रिज और अंडरपास के बेहतर उपयोग, सड़क चौड़ीकरण, वेंडिंग ज़ोन तय करने, सीसीटीवी निगरानी बढ़ाने और जाम व दुर्घटना वाले पॉइंट्स पर विशेष योजनाएँ लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए 3300 से अधिक कैमरे भी ट्रैफिक अनुशासन को सख्ती से लागू करने में इस्तेमाल होंगे। यातायात पुलिस और नगर निगम को नियमित पेट्रोलिंग व उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
बैठक में समग्र संदेश यही रहा कि पटना का यातायात अब “जैसे-तैसे” नहीं चलेगा। तेजी से बढ़ते वाहनों और भीड़ के बीच, प्रशासन चाहता है कि शहर जाम-मुक्त हो, यात्रियों को सुरक्षित आवाजाही मिले और ऑटो चालकों को भी एक स्पष्ट, व्यवस्थित व्यवस्था में काम करने का मौका मिले। आने वाले दिनों में इन फैसलों का असर जंक्शन, कारगिल चौक, कंकड़बाग, राजा बाज़ार और अन्य प्रमुख इलाकों में साफ दिखेगा—और सबसे अहम बात यह कि इस बार प्रशासन जनता और चालकों दोनों की राय लेकर बदलाव लागू कर रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट
