पटना।
बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए डेयरी सेक्टर को विकास के केंद्र में लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फुलवारीशरीफ स्थित पटना डेयरी प्रोजेक्ट (सुधा) पहुंचे। उन्होंने उत्पादन, पैकेजिंग, विपणन और तकनीकी विस्तार से जुड़े विभिन्न विभागों का विस्तृत निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी आधारित आय बढ़ाने के लिए कार्यों को तेज़ी दी जाए।

सीएम ने कहा कि पंचायत स्तर तक दुग्ध उत्पादन समितियों का तेजी से विस्तार किया जाए और इन समितियों में महिलाओं की भागीदारी को विशेष प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि महिलाओं का नेतृत्व न केवल परिवार की आय बढ़ाता है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिरता भी प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला दुग्ध समितियों को तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।

बैठक के दौरान कॉन्फेड के अधिकारियों ने बताया कि नालंदा परियोजना में स्थापित यूएचटी तकनीक के कारण सुधा दूध अब देश के कई राज्यों के साथ-साथ भारतीय सेना और पूर्वोत्तर राज्यों तक भेजा जा रहा है। सीएम ने इसे बिहार के डेयरी उद्योग की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि वैश्विक बाजार में सुधा उत्पादों की मौजूदगी बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पैकेजिंग और क्वालिटी कंट्रोल को मजबूत किया जाए। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2025 में अमेरिका और कनाडा को घी और गुलाबजामुन की पहली निर्यात खेप भेजी गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने राज्य की ब्रांड क्षमता का प्रमाण बताया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में डेयरी सेक्टर ग्रामीण युवाओं के लिए सबसे बड़े रोजगार केंद्रों में से एक बन सकता है। उन्होंने गांवों में दुग्ध संग्रहण केंद्रों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने, दूध की गुणवत्ता में सुधार लाने और किसानों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने डेयरी संयंत्रों में कार्यरत कर्मियों के लिए आवास और विश्राम की सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश भी दिए, ताकि उत्पादन क्षमता और कार्यकुशलता दोनों में सुधार हो सके।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि जल्द ही एक तकनीकी टीम गठित की जाएगी, जो डेयरी विस्तार योजना के विभिन्न चरणों का आकलन कर ठोस कार्यान्वयन मॉडल प्रस्तुत करेगी।

ग्रामीण युवाओं के लिए डेयरी सेक्टर बनेगा रोजगार का नया केंद्र
मुख्यमंत्री की इस पहल से स्पष्ट है कि डेयरी उद्योग आने वाले समय में बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए अवसरों का मजबूत आधार बनेगा।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव