
पटना।
पत्रकार पेंशन योजना–2019 में ईपीएफ की अनिवार्य शर्त को शिथिल करने की मांग को लेकर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने मंगलवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार को ज्ञापन सौंपा। यूनियन की ओर से महासचिव मुकुंद कुमार, उपाध्यक्ष आकाश कुमार, पटना जिला महासचिव प्रेम कुमार, गया जिला कमिटी के अध्यक्ष रंजन सिन्हा और सदाय आर्यन रंजन ने विधानसभा अध्यक्ष को पदभार ग्रहण की बधाई भी दी और पत्रकारों की मौजूदा समस्याओं से अवगत कराया।
ज्ञापन में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों की मासिक पेंशन राशि छह हजार से बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपये करना सराहनीय कदम है, लेकिन नए नियम इतने कठोर हैं कि करीब 95 प्रतिशत पत्रकार पेंशन के दायरे से बाहर हो गए हैं। यूनियन ने स्पष्ट किया कि पेंशन नियमावली–2019 में ईपीएफ को अनिवार्य बताने का कोई उल्लेख नहीं है, फिर भी इसे शर्त के रूप में लागू किया जा रहा है। इससे प्रदेश के छोटे और क्षेत्रीय मीडिया संस्थानों में कार्यरत वे पत्रकार, जिन्हें न ईपीएफ मिलता है और न नियमित वेतन पर्ची, योजना से वंचित हो रहे हैं।
यूनियन ने मांग की कि ईपीएफ की बाध्यता में राहत दी जाए और सेवा अवधि के प्रमाण के रूप में मानदेय भुगतान पर्ची, एक्रिडेशन कार्ड या बिहार डायरी में दर्ज नाम को स्वीकार किया जाए।
ज्ञापन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इस विषय पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वार्ता करेंगे और पत्रकारों के हित में आवश्यक पहल करेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार होगा तथा उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। यूनियन को उनके इस आश्वासन से नई उम्मीद मिली है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव
