
पटना।
पटना में अवैध बालू कारोबार से जुड़ा एक नया विवाद सुर्खियों में आ गया है, जहाँ जब्त किए गए करोड़ों के बालू के रहस्यमय तरीके से गायब होने ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी पश्चिम ममता कल्याणी ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इसकी जांच डीएसपी–2, बिक्रम को सौंप दी है। अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रानीतलाब और बिक्रम थाना क्षेत्र में ईओयू तथा जिला प्रशासन द्वारा पकड़े गए बालू को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी स्थानीय थानों पर थी। हालांकि, जांच और नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पूरा स्टॉक चोरी हो जाने की बात सामने आई, जिससे सरकार को पाँच करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
जिला खनन पदाधिकारी कार्तिक कुमार के आदेश पर खनन निरीक्षक उत्तम मणि ने दोनों थाना क्षेत्रों में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ तीन अलग–अलग एफआईआर दर्ज कराई हैं। आरोप है कि बालू माफियाओं ने जब्त माल को कथित रूप से बेचना जारी रखा, जबकि पुलिस सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रही थी। यह परिस्थिति पुलिस की भूमिका और सख़्ती पर सवाल खड़े कर रही है।
मामले ने तब और तूल पकड़ा जब द अधिकार फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष मुकुंद कुमार सिंह के नेतृत्व में सिटी एसपी पश्चिम से मुलाकात की। संगठन ने आरोप लगाया कि केस आईओ और कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत व लापरवाही से सरकारी बालू माफियाओं के हाथों बेच दिया गया। फाउंडेशन ने इसे शासन–व्यवस्था पर सीधा प्रहार बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।
फाउंडेशन ने प्रशासन से संबंधित थानों के केस आईओ, पुलिसकर्मियों और माफियाओं के खिलाफ सख्त दंडात्मक कदम उठाने तथा हुए नुकसान की पूरी राजस्व वसूली सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब्त बालू पर पुलिस की पहरेदारी के बावजूद उसके गायब होने से कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं, खासकर तब जब यह घटना माफियाओं को जमानत मिलने के तुरंत बाद हुई हो।
सिटी एसपी पश्चिम ममता कल्याणी ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया कि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो कोई भी बच नहीं पाएगा। डीएसपी–2 की अगुवाई में टीम अब पुलिस अधिकारियों, केस आईओ, खनन विभाग के कर्मियों और संभावित बालू माफियाओं की संपूर्ण भूमिका की जांच कर रही है। संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इस पूरे प्रकरण पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
अजीत यादव की रिपोर्ट
