
फुलवारी शरीफ। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पटना में 22–23 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ईव एंडोस्कोपी 2025 पटलीपुत्र’ का सफलतापूर्वक समापन हुआ। स्त्री-रोग एंडोस्कोपी पर केंद्रित इस भव्य कार्यक्रम में देशभर से आए विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध साझा किए। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध सूक्ष्म-छिद्र शल्य विशेषज्ञ एवं “आइकन ऑफ गायनेकोलॉजी” डॉ. प्रकाश त्रिवेदी का विशेष सत्र रहा, जिसमें उन्होंने “शून्य से पुण्य तक—आओ बनाएँ अपना भविष्य” विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। पहले दिन हुई कार्यशालाओं में फाइब्रॉइड, एडेनोमायोसिस और एंडोमेट्रियोसिस जैसी जटिल प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

दूसरे दिन आयोजित वैज्ञानिक सत्रों, शोध-पत्र प्रस्तुतियों और वीडियो कार्यशाला में तीन सौ से अधिक चिकित्सकों एवं प्रशिक्षुओं ने सक्रिय भागीदारी की। देश के प्रमुख स्त्री-रोग एंडोस्कोपी विशेषज्ञ—डॉ. कल्याण बर्माड़े, डॉ. शैलेश पंटांबेकर और डॉ. मंजुला अग्नानी—ने एंडोस्कोपिक तकनीकों में हो रहे नवीन विकास और भविष्य की चुनौतियों पर विचार रखे। प्रतिभागियों ने वरिष्ठ सर्जनों से उन्नत शल्य-प्रक्रियाओं की तकनीकें सीखीं, जिससे उनके कौशल व आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उद्घाटन समारोह में AIIMS पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (ब्रिगेडियर) डॉ. राजू अग्रवाल और आयोजन अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अनीता सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
समापन अवसर पर आयोजन अध्यक्ष डॉ. अनीता सिंह ने सभी प्रतिभागियों, वैज्ञानिक समितियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मेलन स्त्री-रोग एंडोस्कोपी में प्रशिक्षण, शोध और नवाचार को नई दिशा देगा। आयोजन सचिव डॉ. मुक्ता अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, वहीं विभिन्न समितियों के अध्यक्षों को सम्मानित भी किया गया। संयुक्त सचिव डॉ. संगम झा और कोषाध्यक्ष डॉ. मोनिका अनंत ने सम्मेलन को अत्यंत सफल बताते हुए कहा कि यह मंच पूर्वी भारत में स्त्री-रोग एंडोस्कोपी के उन्नयन और महिला स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव
