
आरा/भोजपुर।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक तापमान तेजी से चढ़ता जा रहा है। भोजपुर जिले के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिए जाने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। दशकों से पार्टी के प्रति निष्ठावान रहे कई कार्यकर्ताओं ने इसे पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय बताया है।
इसी नाराजगी के बीच क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी और भाजपा के पुराने सिपाही सूर्यभान सिंह ने बगावती तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उनके समर्थक और भाजपा से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को उनके आवास पर जुटे और जोर-शोर से निर्दलीय मैदान में उतरने की मांग की। कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर सूर्यभान सिंह ने नामांकन करने की सहमति दे दी, जिससे उनके समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
“35 साल की निष्ठा का ये सिला मिला”
बैठक में सूर्यभान सिंह ने कहा, “35 वर्षों से पार्टी में विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाता रहा हूं, लेकिन पार्टी ने मेरी निष्ठा को दरकिनार कर बाहरी व्यक्ति को टिकट दे दिया। यह न केवल मेरे लिए, बल्कि पार्टी के सच्चे कार्यकर्ताओं के लिए भी अपमानजनक है।”
मुखिया संघ भी हुआ बागी!
भाजपा के अंदरूनी घमासान को और बल उस समय मिला जब बड़हरा मुखिया संघ ने भी राघवेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बसंतपुर पंचायत के मुखिया ने स्पष्ट रूप से कहा कि “आपदा के समय जब हमारे पंचायत के लोग संकट में थे, तब विधायक ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया। अब हम भी उन्हें किसी प्रकार का समर्थन नहीं देंगे।”
“टिकट बदला जाए, वरना नुकसान तय”
मुखिया संघ ने पार्टी हाईकमान से मांग की है कि अगर भाजपा किसी अन्य स्थानीय और लोकप्रिय चेहरे को टिकट देती है तो वे पूरे दमखम से समर्थन करेंगे, अन्यथा पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चुनावी समीकरण बदलने की तैयारी
सूर्यभान सिंह की निर्दलीय उम्मीदवारी ने बड़हरा सीट पर चुनावी गणित को नया मोड़ दे दिया है। जहां एक ओर भाजपा को अंदरूनी विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अन्य दल भी इस बिखराव का फायदा उठाने की फिराक में हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान इस नाराजगी को कैसे संभालती है और क्या सूर्यभान सिंह की बगावत बड़हरा की राजनीति में कोई नया अध्याय लिखेगी?
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी