पालीगंज।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल के बीच पालीगंज विधानसभा क्षेत्र (सीट संख्या 190) से बुधवार को चुनावी तस्वीर एक नए मोड़ पर पहुंच गई। इस दिन तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए, लेकिन पूरे माहौल का केंद्र बने पत्रकार से नेता बने पिंटू कुमार उर्फ भोला, जिन्होंने समाजवादी लोक परिषद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया और जोरदार समर्थन के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया।

जनता का जोश, नारे और समर्थन की गूंज

नामांकन के दौरान पिंटू कुमार भोला के साथ सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। “भोलाजी नहीं ये आंधी है, बदलाव की नई शुरुआत है!” जैसे नारों से आसमान गूंज उठा। समर्थकों का उत्साह देखने लायक था — मानो पालीगंज अब किसी नई राह की ओर कदम बढ़ाने को तैयार है।

पिंटू कुमार भोला का बड़ा ऐलान:

पत्रकारिता से सामाजिक सक्रियता तक का सफर तय कर चुके पिंटू कुमार भोला ने मीडिया से बातचीत में कहा:

> “पालीगंज की जनता अब झूठे वादों से नहीं, ठोस बदलाव से भरोसा करना चाहती है। मैं पारदर्शिता, साफ नीयत और विकास के एजेंडे के साथ चुनावी मैदान में उतरा हूं।”



भोला ने आगे कहा:

> “पालीगंज, जो पटना जैसे राजधानी जिले का हिस्सा है, वहां आज तक एक भी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग संस्थान या बड़ा हॉस्पिटल नहीं है। यहां के गरीब और मध्यमवर्गीय बच्चों को सिर्फ सपना देखने का हक मिला, उसे पूरा करने की सुविधा नहीं।”



उन्होंने बताया कि पत्रकार रहते कई बार उन्होंने इन मुद्दों को उजागर किया, लेकिन अब समय है कि “पालीगंज की आवाज विधानसभा में गूंजे और फैसले लिए जाएं”

मगही भाषा को बताया आत्मा, मगध की विरासत को दी प्राथमिकता

भोला ने कहा कि “मगही भाषा सिर्फ बोली नहीं, बल्कि हमारी आत्मा है। इसी भाषा ने चाणक्य को विश्वगुरु बनाया, अशोक को सम्राट और बुद्ध को बुद्धत्व दिलाया”

समाजवादी लोक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमांशु शेखर और दिलीप कुमार ने कहा:

> “हमने पिंटू कुमार भोला को उम्मीदवार इसलिए बनाया है ताकि मगही भाषा को संवैधानिक मान्यता, शिक्षा में स्थान और सामाजिक सम्मान मिल सके। जब तक अपनी भाषा को नहीं पहचानेंगे, तब तक समाज नहीं बदल सकता।”



सशक्त समर्थन, जमीनी कनेक्शन

नामांकन के दौरान नरही-पिरही पंचायत के पूर्व मुखिया संजय रजक और पालीगंज भेलरिया सियारामपुर पंचायत के पूर्व मुखिया राकेश दास समेत दर्जनों प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। यह साफ संकेत है कि पिंटू कुमार भोला की जमीनी पकड़ मजबूत होती जा रही है।

अन्य प्रत्याशियों का भी दिखा उत्साह

इसी दिन दो अन्य महिला प्रत्याशियों अनामिका और सुमिन्त्रा देवी ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। दोनों ने महिलाओं, गरीबों और वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए आवाज उठाने की प्रतिबद्धता जताई।

चुनाव का रंग चढ़ा, मुकाबला हुआ दिलचस्प

पालीगंज सीट पर अब मुकाबला रोचक होता जा रहा है। पारंपरिक दलों की तैयारियों के बीच निर्दलीय उम्मीदवारों की सक्रियता और मुद्दा आधारित राजनीति की लहर चुनाव को नए मोड़ पर ले जा रही है।

पालीगंज का यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, सोच का भी संघर्ष है — जहां एक ओर परंपरागत राजनीति है, वहीं दूसरी तरफ मगही सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य और पारदर्शी नेतृत्व को लेकर उठ रही एक नई आवाज है — जिसका नाम है पिंटू कुमार भोला।

पालीगंज ब्यूरो अशोक सिंह