
पटना।
बिहार की सियासत इन दिनों किसी मसालेदार वेब सीरीज़ से कम नहीं है। जैसे ही बीजेपी ने अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, वैसे ही जेडीयू ने भी अपनी टोली मैदान में उतार दी। सबसे पहले नजर डालते हैं फुलवारीशरीफ की ओर, जहां पुराने सियासी खिलाड़ी श्याम रजक को जेडीयू ने फिर से सिंबल थमा दिया। वहीं, मसौढ़ी से अरुण मांझी भी अपनी नई उम्मीदों के साथ तैयार हैं और चुनावी बिगुल फूंक चुके हैं।

दानापुर में बीजेपी का दम नजर आया, जब रामकृपाल यादव ने मैदान संभाला। उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से कहा, “पटना और दानापुर मेरे पुराने ठिकाने हैं, यहां की गलियों को मैं गूगल मैप से बेहतर जानता हूं!” रामकृपाल के चेहरे पर वो आत्मविश्वास था, जो चाय की दुकान पर बैठकर लिट्टी-चोखा खाते समय भी कायम रहता है।

जेडीयू ने भी एक के बाद एक नामों की लाइन लगाकर सिंबल वितरण को मेगा इवेंट बना दिया। इस्लामपुर से रुहेल रंजन (दिवंगत राजीव रंजन के बेटे), डुमरांव से राहुल सिंह, कांटी से अजीत कुमार, जगदीशपुर से भगवान कुशवाहा, राजपुर से संतोष निराला, हथुआ से रामसेवक सिंह, कुचायकोट से अमरेंद्र पांडेय, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, गायघाट से कोमल सिंह, बरौली से मंजीत सिंह और बेलदौर से पन्ना लाल पटेल — सबको टिकट मिल चुका है। जेडीयू ने कहा, “अब मैदान हमारा है, बाकी पार्टियां खिड़की से देखें।”

उधर हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के सुप्रीमो जीतन राम मांझी भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपने दल के 6 चमकते सितारों को मैदान में उतारा है। इमामगंज से दीपा कुमारी, टिकारी से अनिल कुमार, बाराचट्टी से ज्योति देवी, अतरी से रोमित कुमार, सिकंदरा से प्रफुल्ल कुमार मांझी और कुटुम्बा से ललन राम – सभी को सिंबल देकर मांझी ने कहा, “अब हम भी खेल में हैं, देखिएगा जलवा!”
बीजेपी की पहली लिस्ट में जहां बड़े नाम थे, वहीं कई नए चेहरों ने भी सुर्खियां बटोरीं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर, और विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय से उतारा गया है। इसके अलावा नरपतगंज से देवंती यादव, किशनगंज से स्वीटी सिंह, प्राणपुर से निशा सिंह, कोढ़ा से कविता देवी, अरोई से रमा निषाद, सिवान से मंगल पांडे, पटना साहिब से रत्नेश कुशवाहा, कुम्हरार से संजय गुप्ता, आरा से संजय सिंह टाइगर, अरवल से मनोज शर्मा और रीगा से वैद्यनाथ प्रसाद को भी टिकट मिला है।
सबसे बड़ा सरप्राइज उस वक़्त आया जब मशहूर लोकगायिका मैथिली ठाकुर भाजपा में शामिल हो गईं। लोगों को लगा था कि वो बस सुरों की रानी हैं, लेकिन अब वो सियासत की महारानी बनने निकली हैं। उन्हें अलीनगर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। मंच से गीत कम, अब घोषणाएं गूंजेंगी — और शायद वोट भी!
अगर बात गठबंधन की करें, तो इस बार NDA ने पूरा होमवर्क करके रणनीति बनाई है। बीजेपी और जेडीयू मिलकर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें, हम (सेक्युलर) को 6 सीटें, और उपेन्द्र कुशवाहा की नयी पार्टी रालोमो (RALOMO) को भी 6 सीटें मिली हैं। अब देखना ये है कि ये गणित जनता के दिल में फिट बैठता है या नहीं।
बीजेपी ने इस बार महिला उम्मीदवारों को भी खास तवज्जो दी है — कुल 9 महिला उम्मीदवार पहली लिस्ट में हैं, और 12 नए चेहरे राजनीति में नई शुरुआत करने जा रहे हैं। वहीं कुछ पुराने चेहरों को घर बैठा दिया गया है, जैसे नंदकिशोर यादव और अरुण सिन्हा, जिनका टिकट कट गया है। पर राजनीति में हर सुबह नई उम्मीद लाती है, हो सकता है अगली सूची में कोई नया पत्ता खुले।
अब बिहार की जनता की नजरें 6 नवंबर और 11 नवंबर पर टिकी हैं, जब पहले और दूसरे चरण के लिए मतदान होगा। 14 नवंबर को रिजल्ट आएगा — और तभी तय होगा कि किसकी चलेगी सरकार और किसे पांच साल फिर जनता दरबार में इंतज़ार करना होगा! तब तक के लिए नेताजी लोग पूरे जोश में, और जनता – अब सोच-समझ कर बटन दबाने के मूड में है!
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव