
समिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय, आश्रम के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की उठी माँग
बिक्रम (पटना)। खोरैठा बिक्रम स्थित ऐतिहासिक गाँधी आश्रम में गाँधी आश्रम सह शहीद स्मारक विकास समिति की बैठक का आयोजन किया गया। समिति की अध्यक्षता मोहम्मद महफुज अहमद ने की, जबकि संयोजक अरुण कुमार आज़ाद ने कार्यक्रम की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष गाँधी जयंती और दशहरा एक ही दिन — 2 अक्टूबर — को पड़ने के कारण, आमजन दशहरा पूजा में व्यस्त रहेंगे। इस स्थिति को देखते हुए समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती सादगी और सम्मान के साथ मनाई जाएगी।

बैठक में समिति के सदस्यों ने गाँधी आश्रम की बदहाल स्थिति पर चिंता व्यक्त की और एक बार फिर सरकार और जनप्रतिनिधियों से इसके संरक्षण, सुरक्षा और सौंदर्यीकरण की माँग की। अरुण आज़ाद ने बताया कि आश्रम को बेहतर स्थिति में लाने के लिए वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शासन और प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, “आज जो भी आश्रम की स्थिति दिखाई देती है, वह समिति और स्थानीय लोगों द्वारा किए गए स्वैच्छिक सहयोग और प्रयासों का परिणाम है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के समय विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सत्ता और विपक्ष के नेता, गाँधी आश्रम जैसे ऐतिहासिक धरोहर की ओर से उदासीन बने हुए हैं।
गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक आश्रम की नींव स्वयं महात्मा गाँधी ने 21 मई 1921 को रखी थी। इसके बाद वे 1945 और मई 1947 में भी यहाँ आए थे और क्रांतिकारियों को संबोधित किया था। यह आश्रम 1942 की अगस्त क्रांति का भी गवाह रहा है, जब 17 अगस्त 1942 को बिक्रम थाना पर झंडा फहराने के दौरान पाँच वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने शहादत दी थी।
बैठक में प्रमोद कुमार शर्मा, सुजीत रविदास, उमेश यादव, सुजीत यादव, ब्रज किशोर तिवारी, रंजय कुमार सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
रिपोर्ट शशांक मिश्रा