फुलवारी शरीफ।

पटना जिले के फुलवारी शरीफ स्थित बाबूचक में दशहरा की सप्तमी की पूरी रात गवई रंग में डूबा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ. मिट्टी की सोंधी खुशबू और देसी बोलचाल के गीतों ने ऐसा समां बांधा कि देर रात तक लोग झूमते और ताली बजाते रहे. मुख्य गायन की बागडोर रामजी राय ने संभाली, जिन्हें प्रदीप कुमार, अर्जुन राय, सोहन लाल, संजीत, अनिल कुमार और गोपाल राय ने सुर और ताल से भरपूर सहयोग दिया. नाल पर अरुण कुमार और पप्पू पंडित ने थाप की ऐसी गूंज पैदा की कि दर्शक थिरक उठे, जबकि हारमोनियम पर भोला सिंह ने उंगलियों से जादू बिखेर दिया.

कार्यक्रम की व्यवस्था प्रो. प्रसिद्ध कुमार, जिला पार्षद दीपक मांझी, बाला जी, पंकज और दिनेश कुमार ने संभाली और पूरे आयोजन को अनुशासन और उत्साह के साथ सफल बनाया. महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जो गीत-संगीत सुनकर भाव-विभोर होती रहीं. यह आयोजन वर्ष 1998 से लगातार दशहरा की सप्तमी पर होता आ रहा है और इस बार भी शुरुआत मुख्य कलाकारों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित करने से हुई.

गांव की यह रात लोक-संस्कृति और लोकगीतों की अनूठी धुनों से सराबोर रही, जिसने बाबूचक की अटूट परंपरा और खांटी गवई संस्कृति को एक बार फिर लोगों के दिलों में अमिट कर दिया.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव