पटना। एम्स पटना के न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी विभाग की ओर से शनिवार को लकवा जनजागरूकता अभियान का आयोजन किया गया. इसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लकवा की शीघ्र पहचान, कारण, लक्षण और समय पर उपचार की जानकारी दी.

कार्यक्रम में एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ ब्रिगेडियर डॉ. राजू अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनूप कुमार, उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित राज, न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार राय सहित कई विभागों के चिकित्सक, छात्र और स्टाफ मौजूद रहे.

ब्रिगेडियर डॉ. राजू अग्रवाल ने बताया कि शरीर के किसी हिस्से में अचानक कमजोरी, सुन्नपन या गतिहीनता लकवे का संकेत हो सकता है. उन्होंने एम्स पटना में स्ट्रोक सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया.

डॉ. आनंद कुमार राय ने बेफास्ट टेस्ट (बैलेंस, आईज, फेस, आर्म्स, स्पीच, टाइम) के जरिए लोगों को लकवे की शुरुआती पहचान के आसान तरीके बताए. वहीं डॉ. अनूप कुमार ने उच्च रक्तचाप व मधुमेह के नियंत्रण, धूम्रपान छोड़ने और व्यायाम को आवश्यक बताया.

डॉ. आनंद कुमार दास ने गंभीर मामलों में शल्यचिकित्सा (सर्जरी) की भूमिका पर प्रकाश डाला. विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर इलाज मिलने से लकवे के मरीज की जान और जीवन दोनों बचाए जा सकते हैं.

यह आयोजन एम्स पटना की जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता और समाज को स्वास्थ्य जानकारी से सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव