फुलवारी शरीफ विधायक गोपाल रविदास की अगुवाई में आंदोलनकारियों की बड़ी जीत

फुलवारी शरीफ। परसा–संपतचक रोड चौड़ीकरण को लेकर “नया अलाईनमेंट बदलो संघर्ष समिति” के बैनर तले चल रहा तीन दिवसीय धरना शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान प्रशासन की ओर से पहुंचे अधिकारियों ने आंदोलनरत किसानों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि एडीएम (रिवेन्यू) के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट आने तक निर्माण कार्य स्थगित रहेगा.

धरना स्थल पर एसडीएम पटना सदर, एसडीपीओ पटना सदर, अंचलाधिकारी फुलवारी शरीफ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) और परसा बाजार थाना प्रभारी पहुंचे. अधिकारियों ने आंदोलनकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा की. इस बीच संघर्ष समिति की ओर से अंचलाधिकारी को मांग पत्र भी सौंपा गया. विधायक गोपाल रविदास की सक्रियता और प्रशासनिक पहल से किसानों को फिलहाल राहत मिली है और आंदोलनकारियों में संतोष की स्थिति बनी हुई है.

धरना में पहुंचे फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान पुराने अलाईनमेंट पर सड़क चौड़ीकरण का टेंडर स्वीकृत हुआ था. लेकिन बाद में मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों के दबाव में आकर टेंडर रद्द कर नया अलाईनमेंट तैयार किया जा रहा है, जिससे किसानों की 17 बीघा जमीन अधिग्रहित होगी, जबकि पुराने अलाईनमेंट में केवल 4 बीघा जमीन प्रभावित होती. उन्होंने आरोप लगाया कि यह किसानों की जमीन बचाने के बजाय रिश्तेदारों की जमीन बचाने की कवायद है, जो परिवारवाद का उदाहरण है. विधायक ने साफ कहा कि जब तक नया अलाईनमेंट रद्द नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा.

धरना की अध्यक्षता गुरुदेव दास (प्रखंड सचिव, भाकपा-माले) ने की. इसमें माले नेताओं मंटु साव, भोला चौधरी, शरीफा मांझी, साधु शरण, देवी लाल पासवान समेत राजद के जिला प्रवक्ता संजय यादव, प्रखंड अध्यक्ष श्रवण यादव, दिलीप यादव, शुभम यादव, सचिन यादव, सुनील कुमार पासवान, दिनेश यादव, चंद्रकांत यादव, हरिनारायण यादव, प्रखंड प्रमुख ज्योति कुमारी, नॉलेश यादव, भरत यादव सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. किसान संगठनों से निर्मला देवी, चंदा रोशन, आजरा बीबी, मो. सफदर इमाम, रामानंद पटेल, मुकेश मिस्त्री, सुबोध कुमार, कालों देवी, राजपति देवी आदि ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव