
बिक्रम/पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख भले ही घोषित न हुई हो, लेकिन बिक्रम सीट पर सियासी हलचल तेज़ है। अख्तियारपुर के अशोक सिंह, जो दो बार इस क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, ने बिक्रम के प्रति लगातार हो रही उपेक्षा पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से बिक्रम की जनता “कठपुतली” बनी हुई है—टिकट हमेशा बाहरी लोगों को दिया गया, जिससे बिक्रम का विकास थम गया।
अशोक सिंह ने तीखा सवाल उठाया, “आज तक बिक्रम में न कोई बड़ा अस्पताल बना, न कॉलेज, न आईटीआई या मेडिकल कॉलेज। अंग्रेज़ों के समय बिक्रम में हवाई अड्डा था, मगर नया एयरपोर्ट बिहटा को दे दिया गया। यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों से बिहटा के नेता बिक्रम की आवाज़ बनते रहे, पर विकास सिर्फ़ बिहटा का हुआ। कांग्रेस के पुराने सिपाही के तौर पर उन्होंने साफ़ कहा कि पार्टी यदि उन्हें टिकट देती है, तो बिक्रम के विकास में नई दिशा देंगे। साथ ही पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया कि अगर उन्हें उम्मीदवार न बनाया जाए, तो कम से कम बिक्रम के ही किसी कार्यकर्ता को मौका दिया जाए।
रिपोर्ट शशांक मिश्रा