
दानापुर।
दियारा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित परिवारों की अनदेखी से नाराज़ जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बुधवार को अंचल कार्यालय में जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने सभी काउंटर बंद करा दिए और राहत कार्यों में हो रही देरी को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
पूर्व विधायक आशा सिन्हा ने कहा कि बाढ़ से तबाह परिवारों के नाम अब तक सूची में दर्ज नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जब तक सूची जिला कार्यालय नहीं जाएगी, पीड़ितों को मुआवज़ा और सरकारी मदद नहीं मिल पाएगी। उन्होंने अंचलाधिकारी की गैरमौजूदगी पर भी नाराज़गी जताई।
पानापुर के मुखिया और मुखिया संघ अध्यक्ष सुभाष यादव ने कहा कि डेढ़ महीने से दियारा के कई पंचायतों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन अब तक राहत सामग्री उपलब्ध नहीं करा पाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीस दिन पहले अनुश्रवण समिति की बैठक में सूची तैयार करने का आश्वासन दिया गया था, परंतु अब तक डाटा एंट्री भी शुरू नहीं हुई।

मानस पंचायत के प्रतिनिधि ने बताया कि मानस और पतलापुर पंचायत के लोग अब तक टेंट या प्लास्टिक शीट तक से वंचित हैं। “लोगों का गुस्सा हम जनप्रतिनिधियों को झेलना पड़ रहा है,” उन्होंने कहा। इस विरोध में कासिमचक के मुखिया विनोद कुमार, हेतनपुर के प्रतिनिधि मनिंदर राय समेत छह पंचायतों के जनप्रतिनिधि शामिल थे।
स्थिति बिगड़ती देख प्रखंड विकास पदाधिकारी विभेष आनंद ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि अंचलाधिकारी जल्द समस्या का समाधान करेंगे। श्री आनंद ने बताया कि दियारा क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की सूची को लेकर ही यह विरोध प्रदर्शन हुआ था और इसे प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट