जगद्गुरु नरेन्द्राचार्यजी की चरण पादुका को सिर पर लेकर निकले पटना हाईकोर्ट के वकील श्री श्रीवास्तव

पटना।
पटना के फुलवारी शरीफ स्थित बोचाचक शिव मंदिर के सामने शहनाई मैरेज गार्डेन का वातावरण सोमवार को अलौकिक दृश्य में तब्दील हो गया। अवसर था तीन दिवसीय श्रीकथा ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ का। सुबह जैसे ही बीएमपी-16 परिसर से हजारों महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर निकलीं, पूरा इलाका “राधे-कृष्ण” और “जय श्री राम” के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। रास्ते भर पुष्पवर्षा होती रही और श्रद्धालुओं की आंखों में भक्ति व आनंद की चमक दिखाई दी। हर गली-हर मोहल्ला इस अनुपम यात्रा का साक्षी बना, जहां लोग घरों से बाहर निकलकर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते रहे।

इस दिव्य कलश यात्रा में सबसे खास दृश्य तब सामने आया जब कथा प्रमुख दिलीप गायकवाड़ के साथ चल रहे पटना हाईकोर्ट के वकील श्री श्रीवास्तव ने अपने सिर पर पवित्र ग्रंथ ‘श्री लीलामृत कथासागर’ लेकर आगे बढ़े। श्रद्धालुओं ने इस क्षण को ईश्वरीय आशीर्वाद मानकर नतमस्तक प्रणाम किया। यात्रा के समापन पर आयोजन स्थल पर महाराष्ट्र के रत्नागिरी पीठाधीश्वर भगवान जगद्गुरु रामानंदाचार्य श्री नरेन्द्राचार्यजी की पावन चरण पादुका का वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद ग्रंथ की विधिवत स्थापना हुई और विद्वान पंडितों द्वारा पूजा-पाठ प्रारंभ कराया गया।

महाराष्ट्र से आए कृष्णदासजी ने जैसे ही कथा का वाचन शुरू किया, श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए। देर शाम तक चली रासलीला में “राधे-राधे” और “राधे-कृष्ण” के भजनों पर महिलाएं झूम उठीं। वातावरण में ऐसा दिव्य उल्लास छाया कि मानो पूरा फुलवारी शरीफ भक्ति रसधारा में स्नान कर रहा हो।

तीन दिवसीय श्रीकथा ज्ञान यज्ञ का यह आयोजन केवल एक धार्मिक कथा न होकर सनातन संस्कृति की विराट झांकी भी है। कार्यक्रम में दिव्य रासलीला, उपासना विधि संस्कार, गुरूमुख आरती-वंदना और सनातन धर्म की गौरवमयी परंपराओं की झलक श्रद्धालुओं को आत्मिक आनंद और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर रही है। 10 सितंबर तक चलने वाले इस आयोजन में महाराष्ट्र से आए दर्जनों महिला-पुरुष कलाकार अपनी भक्ति प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

आयोजकों ने बताया कि जगद्गुरु श्री नरेन्द्राचार्यजी की प्रेरणा से संचालित संस्था ने समाज सेवा के क्षेत्र में भी मिसाल कायम की है। महामार्गों पर दुर्घटनाग्रस्तों की सहायता हेतु 54 एम्बुलेंस, नियमित रक्तदान शिविर, निःशुल्क वेद पाठशाला, अन्नछत्रालय, और मरणोपरांत देहदान जैसी सेवाएं वर्षों से निःशुल्क चलाई जा रही हैं। इसी धर्मनिष्ठ परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पटना में हो रहे इस भव्य श्रीकथा ज्ञान यज्ञ में आयोजकों ने श्रद्धालुओं से सहपरिवार उपस्थित होकर पुण्य संचय और गुरुआशीर्वाद का लाभ लेने का आह्वान किया है।

ब्यूरो रिपोर्ट