
भानु प्रताप सिंह की टीम की बड़ी कामयाबी: म्यांमार से बंधक की वापसी
पटना।
पटना पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए म्यांमार (बर्मा) में बंधक बनाए गए बिहार के सचिन कुमार सिंह को सकुशल भारत वापस लाया। विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एजेंटों ने उन्हें म्यांमार बुलाया और साइबर स्कैम सेंटर में कैद कर प्रताड़ित किया। मामला तब खुला जब सचिन की मां मीना देवी, पति-उमाशंकर सिंह, निवासी न्यू मैनपुरा, प्रगति नगर, दानापुर कैंप, थाना-दानापुर, जिला- पटना ने 26 जून 2025 को दानापुर थाना में आवेदन दिया। इसके आधार पर थाना कांड सं. 665/25 दर्ज हुआ, जिसमें धर्मेन्द्र चौधरी, जितेन्द्र चौधरी (गौरिका नगरपालिका, जिला-सरलाही, नेपाल), सहाय ग्रुप कंपनी के एचआर (USER Name-@SuLuo-889, TELEGRAM ID-@SuLuo-889, मो. नं. +66986038021) और सुनिल कुमार, पिता-शिवशंकर राम, निवासी सिंहरहिया फुलपरसी, थाना- सहियारा, जिला- सीतामढ़ी को नामजद किया गया।
कांड की गंभीरता को देखते हुए नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई। त्वरित कार्रवाई में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त सुनिल कुमार को सीतामढ़ी से गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि धर्मेन्द्र चौधरी के कहने पर बंधक को छुड़ाने के लिए उसके भाई साहिल कुमार सिंह से 1.5 लाख रुपये की फिरौती सुनिल कुमार के इंडियन बैंक खाते (संख्या-50138459444, IFSC- IDIB000M661, ब्रांच-सीतामढ़ी) में जमा कराई गई। साथ ही सहाय ग्रुप का एचआर लगातार 5000 डॉलर की मांग करता था और न देने पर बंधक के शरीर का अंग बेचने व हत्या करने की धमकी देता था।
एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में पटना पुलिस ने लगातार भारतीय दूतावास (म्यांमार/थाईलैंड), विदेश मंत्रालय (पीएमओ दिल्ली) और साइबर अपराध इकाई से संपर्क बनाए रखा। जुलाई 2025 में सचिन कुमार को म्यांमार के साइबर स्कैम सेंटर से छुड़ाकर वहां के मिलिट्री कैंप में सुरक्षित रखा गया। इसके बाद भारतीय दूतावास की मदद से 27 अगस्त 2025 को उन्हें दिल्ली भेजा गया, जहाँ से पटना पुलिस ने बरामद कर परिजनों को सौंप दिया। यह उपलब्धि बिहार पुलिस के लिए एक मिसाल है कि सीमापार बंधक बनाए गए व्यक्ति को भी त्वरित कार्रवाई से छुड़ाया जा सकता है।
पूछताछ में सचिन कुमार सिंह, जो कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं, ने बताया कि नेपाल निवासी धर्मेन्द्र चौधरी ने उन्हें 12 लाख रुपये सालाना पैकेज पर नौकरी का झांसा दिया और पटना से कोलकाता, फिर बैंकॉक होते हुए म्यांमार ले गया। वहां सहाय ग्रुप कंपनी में कुछ समय काम कराने के बाद उन्हें साइबर स्कैम सेंटर में बंधक बना दिया गया। मोबाइल और पासपोर्ट छीनकर उनसे जबरन ठगी का काम कराया गया और विरोध करने पर करंट देकर व मारपीट कर प्रताड़ित किया गया। फोटो व वीडियो बनाकर पैसे की मांग की जाती थी। आखिरकार पटना पुलिस की त्वरित कार्रवाई और भारतीय दूतावास के प्रयास से सचिन की सकुशल वापसी संभव हो सकी।
ब्यूरो रिपोर्ट
