
पटना।
पटना की अदालत ने रियल एस्टेट विवाद मामले में सात प्रतिवादियों को अंतिम चेतावनी दी है कि वे 20 सितंबर 2025 को सुबह 10:30 बजे तक न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से हाज़िर हों। अदालत ने साफ कहा है कि अगर वे इस बार भी उपस्थित नहीं हुए, तो एकतरफ़ा फैसला वादी के पक्ष में सुनाया जाएगा।
यह मामला छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स, एकतापुरम स्थित फ्लैट A-1/601 और A-1/603 से जुड़ा है। वादी पक्ष के अधिवक्ता सत्यप्रकाश नारायण ने अदालत को बताया कि प्रतिवादीगण ने मिलकर धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़ा कर पीड़ित के वैधानिक संपत्ति अधिकारों में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने इसे योजनाबद्ध रियल एस्टेट फ्रॉड बताया।
प्रतिवादियों में शामिल हैं कांतेश रंजन सिन्हा, लाल नारायण सिंह, मंजु देवी, मानब कुमार सिंह, अनिल कुमार यादव, प्रियंका सिंह, और रुक्मणी बिल्डटेक प्रा. लि. के निदेशक अजीत आजाद। वादी पक्ष ने अदालत को बताया कि कुछ प्रतिवादी पहले भी गंभीर आपराधिक मामलों में जेल जा चुके हैं और फिलहाल ज़मानत पर हैं।
न्यायालय ने कहा कि मामले की शुरुआत में ही सभी प्रतिवादियों को समन और नोटिस भेजे गए थे, लेकिन अब तक कोई भी अदालत में उपस्थित नहीं हुआ। इसलिए कोर्ट को समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित करना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की संगठित धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा पर समय रहते रोक नहीं लगी, तो आम निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है और रियल एस्टेट सेक्टर की साख पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव