
पटना।
जिलाधिकारी पटना की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय स्थित सभागार में प्रिंटिंग एजेंसियों और मुद्रकों की विशेष बैठक बुलाई गई। बैठक में नगर निगम के अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, विभिन्न अनुमंडलों के एसडीओ समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान सार्वजनिक भवनों, फ्लाईओवर और पुल-पुलियों पर निजी संस्थाओं द्वारा चिपकाए जा रहे पोस्टर और विनाइल स्टीकरों पर गंभीर चिंता जताई गई।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि सरकारी भवन, फ्लाईओवर और सड़कों पर स्टीकर या पोस्टर चिपकाना न केवल अवैध है बल्कि शहर की खूबसूरती को भी बिगाड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में बिहार संग्रहालय, सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर, बापू टावर, पटना समाहरणालय जैसे कई महत्वपूर्ण भवनों पर विनाइल स्टीकर चिपकाए जाने की शिकायत मिली है। इन्हें हटाना नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है और इससे संरचनाएँ भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि नियम के अनुसार हर प्रिंटेड पोस्टर-बैनर पर मुद्रक का नाम और पता अंकित होना अनिवार्य है। लेकिन अधिकांश मामलों में यह जानकारी दर्ज नहीं रहती। ऐसे मामलों में संबंधित एजेंसी और मुद्रकों की पहचान कर उनके खिलाफ सम्पत्ति विरूपण अधिनियम और अन्य प्रासंगिक धाराओं में कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर तुरंत कार्रवाई शुरू करें।
जिला प्रशासन ने नगर निगम को भी विशेष टीम बनाकर छापामारी करने का आदेश दिया है। कहा गया कि शहर की दीवारों, सरकारी दफ्तरों और पुलों को विरूपित करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जिलाधिकारी ने साफ किया कि सम्पत्ति विरूपण अधिनियम साल भर प्रभावी है, इसलिए किसी को यह गलतफहमी नहीं रहनी चाहिए कि कार्रवाई केवल चुनावी समय में ही होगी।
जिलाधिकारी ने अंत में सभी प्रिंटिंग एजेंसियों और शहरवासियों से अपील की कि पटना की खूबसूरती बढ़ाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, “यह हमारा शहर है, इसकी स्वच्छता और आकर्षण बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जिला प्रशासन जनहित से जुड़े हर मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने में जनता की सहभागिता सबसे अहम है।”
ब्यूरो रिपोर्ट