
फुलवारी शरीफ।
पटना के फुलवारी शरीफ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि अब यह खुद बीमार पड़ चुका है. जिस जगह पर मरीज इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, वहीं रिसाव, गंदगी और बदबू ने हालात भयावह बना दिए हैं.
बिहार स्वास्थ्य चिकित्सा आधारभूत संरचना लिमिटेड ने इस भवन का निर्माण 2017-18 में कराया था. बाहर से यह अस्पताल आज भी चकाचक और सुंदर दिखता है, लेकिन अंदर की स्थिति बदतर हो चुकी है. बरसात के मौसम में मरीज और परिजन यहाँ आने से कतराने लगे हैं.
टीकाकरण कक्ष तो पूरी तरह जानलेवा बन गया है. हालात ऐसे हैं कि इस साल फॉल सीलिंग गिरने से दो मरीज और हेल्थ मैनेजर शिप्रा चौहान घायल हो गई थीं. इससे पहले भी पिछले दो साल में अस्पताल की दीवारें दो बार गिर चुकी हैं. पुराने भवन में महीनों से जमा पानी सड़ांध और बदबू फैला रहा है.
बदबू और गंदगी के बीच स्वास्थ्यकर्मियों को काम करना पड़ रहा है. मच्छरों के प्रकोप से उन्हें हर समय डेंगू और मलेरिया का डर सता रहा है. कर्मचारी और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि ‘आदर्श टीकाकरण केंद्र’ का दावा करने वाले इस अस्पताल की स्थिति इतनी बदहाल क्यों कर दी गई है.
कर्मचारियों का कहना है कि विभाग को जल निकासी की समस्या को लेकर कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन आज तक कोई
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव