
पटना।
कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित एक दिवसीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग कैंप में नन्हे-मुन्नों ने अपने जज़्बे और हुनर का ऐसा जलवा दिखाया कि सब दंग रह गए. इस मौके पर कई स्कूलों के बच्चे बड़ी उत्सुकता के साथ क्लाइंबिंग वॉल पर चढ़ते-उतरते नजर आए. छोटी उम्र में ही उनके हौसले और आत्मविश्वास ने संकेत दिया कि बिहार में स्पोर्ट क्लाइंबिंग का भविष्य बेहद उज्ज्वल है.
कैंप का उद्देश्य था बच्चों को इस रोमांचक खेल से जोड़ना और उनमें शारीरिक मजबूती, मानसिक संतुलन व आत्मविश्वास विकसित करना. आयोजकों के मुताबिक, शुरुआती स्तर पर ही बच्चों को अवसर देने से वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रोशन कर सकते हैं.
स्पोर्ट क्लाइंबिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव सैयद अबादुर रहमान ने कहा कि छोटे बच्चों को क्लाइंबिंग सीखते देखना बेहद प्रेरणादायक है. यह साफ संकेत है कि आने वाले समय में यही नन्हे-मुन्ने बड़े खिलाड़ी बनेंगे. वहीं, एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि स्कूल स्तर पर इस खेल को बढ़ावा देना नई शिक्षा नीति 2020 और खेलो भारत नीति 2025 की भावना के अनुरूप है.
कैंप में बच्चों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि अब खेलों की नई पीढ़ी सिर्फ पारंपरिक विधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि नए-नए खेलों में भी अपना हुनर आजमा रही है. स्पोर्ट क्लाइंबिंग जैसे एडवेंचर गेम में नन्हे-मुन्नों का यह कमाल आने वाले समय में बिहार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव