फुलवारी शरीफ।

फुलवारी शरीफ से एक बड़ी सामाजिक पहल सामने आई है। सरदार पटेल दशरथ मांझी स्मृति एवं अंतरराष्ट्रीय सामाजिक शोध अभियान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जिस तरह संवैधानिक मूल्यों के सम्मान में “हरिजन” शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, उसी तरह अब “बाहुबली” शब्द के राजनीतिक और सामाजिक प्रयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। संगठन के संयोजक नागेश्वर सिंह स्वराज ने कहा कि अपराधियों के लिए “बाहुबली” जैसे शब्दों का प्रयोग उन्हें महिमामंडित करता है और समाज में अपराध की छवि को वीरता का रूप देता है, जो न केवल आम जनता में भय का माहौल पैदा करता है, बल्कि युवाओं को भी गलत दिशा में प्रेरित करता है।

संगठन ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में लिखा है कि आपकी “न्याय के साथ विकास” की नीति और क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज़्म के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पूरे राज्य के लिए प्रेरक है। ऐसे में इस तरह की भाषाई संवेदनशीलता पर भी कदम उठाना ज़रूरी है, ताकि लोकतंत्र और सामाजिक चेतना की जड़ों को मजबूती मिल सके। संगठन ने चेताया है कि “बाहुबली” जैसे शब्द अपराधियों की सामाजिक स्वीकार्यता को बढ़ावा देते हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है। इस मांग की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद सभापति को भी भेजी गई है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव