गौरीचक/पटना।

गौरीचक थाना अंतर्गत बाकरचक गांव में वन विभाग ने एक बड़े तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मंगलवार-बुधवार की रात छापेमारी कर 30 ज़हरीले सांपों को जब्त किया। इस कार्रवाई में पांच सपेरों को गिरफ्तार किया गया है, जो अवैध तरीके से इन सर्पों की तस्करी कर रहे थे।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (पटना पूर्वी प्रक्षेत्र) के पदाधिकारी प्रेम कुमार केसरी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग जंगल में विषैले सर्पों को छिपाकर अवैध व्यापार के लिए तैयार कर रहे हैं। इस इनपुट पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने बाकरचक गांव में छापा मारा और छह डिब्बों में बंद 30 जहरीले सांपों को बरामद किया।

गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी — अहेरी सपेरा, सत्येंद्र सपेरा, सोमर सपेरा, पप्पू सपेरा और भालो सपेरा, सभी फतुहा थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव के निवासी हैं और पारंपरिक रूप से सपेरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन अब इन पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अवैध तस्करी और वन्यजीवों के साथ क्रूरता का आरोप लगाया गया है।

गिरफ्तारियों के बाद सभी सांपों को सुरक्षित रूप से वन विभाग की अभिरक्षा में भेज दिया गया है। गौरीचक थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग की ओर से थाने में लिखित शिकायत दर्ज की गई है, और आरोपियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इस खबर के फैलते ही बाकरचक गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी कुछ दिन पहले गांव में नोटबुक बेचने वाले के वेश में घूमते दिखे थे, जिससे किसी को उन पर संदेह नहीं हुआ। अब जाकर स्पष्ट हुआ कि उनका असली उद्देश्य विषैले सांपों की तस्करी करना था।

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस क्षेत्र में वन्यजीव तस्करों की गतिविधियां समय-समय पर देखी जाती रही हैं। वन विभाग की इस कड़ी कार्रवाई से लोगों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि आगे भी ऐसे अवैध कार्यों पर सख्ती से रोक लगेगी।

अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन सांपों को कहां और किसे बेचा जाना था। वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसी अवैध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव