फुलवारी शरीफ।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में डूबने से होने वाली मौतों को रोकने के उद्देश्य से बांका जिले के इनारावरण, अबरखा और सूइया गांवों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 24 जुलाई से 27 जुलाई तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच, वाल्मी फुलवारी शरीफ पटना के कलाकारों द्वारा प्रभावशाली प्रस्तुतियां दी जा रही हैं।

नाटक की शुरुआत एक लोकगीत “ए भईया सुनअ बतिया हमार…” से हुई, जिसमें लोगों से अपील की गई कि वे गहरे पानी में न जाएं और आपदा प्रबंधन की सलाह को मानें। नाटक के माध्यम से यह बताया गया कि अक्सर नदी, तालाब या पोखर में नहाने, कपड़ा-बर्तन धोने या खेलने के दौरान लोग डूब जाते हैं और अनमोल जानें चली जाती हैं। इससे बचाव के लिए विशेषकर बच्चों को ऐसे स्थानों पर जाने से रोका जाए और जलजमाव या गड्ढों जैसे खतरनाक स्थलों को चिन्हित कर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।

प्रस्तुति में बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति डूबने लगे तो उसे धोती, साड़ी, रस्सी या बांस की मदद से बचाने की कोशिश करें। यदि स्वयं तैरना नहीं आता हो, तो पानी में न उतरें और शोर मचाकर लोगों को बुलाएं। डूबने की स्थिति में व्यक्ति की सांसों की जांच करें, पेट फूला हो तो पानी निकालने के लिए उसे पेट के बल लिटाकर तकिया या बर्तन लगाकर उसकी पीठ दबाएं। लोगों से अपील की गई कि वे खतरनाक घाटों या गड्ढों के पास बच्चों को न जाने दें और खुदाई के बाद गड्ढों को खुला न छोड़ें।

इस नाटक की रचना और निर्देशन संस्था के सचिव महेश चौधरी द्वारा किया गया। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में देव कुमार, अमन कुमार, राहुल कुमार, प्रमोद कुमार, दीपा कुमारी, ममता कुमारी, पल्लवी कुमारी, सन्नी कुमार और मनोज पासवान शामिल थे। इन कलाकारों की सशक्त प्रस्तुति से लोगों को सरल भाषा और दृश्य माध्यम से सुरक्षा के उपाय समझाए गए, जिससे स्थानीय लोग काफी प्रभावित हुए।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव