
पटना।
ईमारत शरिया बिहार, ओडिशा और झारखंड के वरिष्ठ शूरा सदस्य और देश के ख्यातिप्राप्त इस्लामी चिंतक मौलाना नूरुल्लाह कासमी के निधन की खबर से धार्मिक, शैक्षणिक और समाजी हलकों में गहरा शोक व्याप्त है। उनके इंतकाल को मुस्लिम समाज ने एक अपूरणीय क्षति बताया है।
अमीर-ए-शरीयत मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि “मौलाना नूरुल्लाह कासमी साहब गंभीरता, सौम्यता और विवेकशीलता के प्रतीक थे। वे न केवल एक आदर्श शिक्षक और धर्मविद् थे, बल्कि समाज के लिए एक मार्गदर्शक नेता भी थे। व्यक्तिगत रूप से मैं उन्हें अपना शुभचिंतक और घनिष्ठ सहयोगी मानता था।”
ईमारत शरिया के महासचिव मौलाना मुहम्मद शिबली अल-कासिमी ने कहा कि मौलाना नूरुल्लाह साहब एक आदर्श इंसान, ईमानदार आलिम और करुणा के प्रतीक थे। “उनका योगदान केवल बौद्धिक नहीं था, बल्कि उन्होंने दिलों को भी जीता। वे हज़ारों तलबा के उस्ताद और प्रेरणा स्त्रोत थे। ईमारत से उनका संबंध केवल संगठनात्मक नहीं बल्कि आत्मीय था।”
उन्होंने यह भी कहा कि “मौलाना नूरुल्लाह साहब, मौलाना मनतुल्लाह रहमानी, क़ाज़ी मुजाहिदुल इस्लाम कासमी और मौलाना निज़ामुद्दीन जैसे विद्वानों की विचारधारा के वास्तविक उत्तराधिकारी थे।”

ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. आलम कासमी, महासचिव नफी आरिफी और मौलाना रज़ाउल्लाह कासमी ने भी इस दुखद समाचार पर गहरा अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि “हमने एक ऐसा इंसान खो दिया है, जिनकी शख्सियत नैतिकता, ज्ञान और सेवा भाव की मिसाल थी।”
सभी ने अल्लाह से दुआ की कि “मौलाना नूरुल्लाह कासमी को जन्नतुल फिरदौस में आला मकाम अता फरमाए और उनके परिजनों व अनुयायियों को सब्र अता हो।”
ब्यूरो रिपोर्ट