पटना।

राजधानी पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के भूपतीपुर इलाके में गुरुवार की सुबह एक 25 वर्षीय युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान अंशु कुमार (पुत्र- सुनील कुमार, निवासी- भूपतीपुर) के रूप में की गई है। अंशु का शव गांव के बाहर स्थित खेत की ओर एक झोपड़ी से बरामद किया गया, जिसे स्थानीय युवक नशा करने के अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करते थे।

झोपड़ी से भारी मात्रा में नशे का सामान बरामद
रामकृष्ण नगर थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि घटनास्थल से पुलिस ने कई सिरिंज, नशीले पदार्थ, नशा करने में उपयोग की जाने वाली पन्नियाँ और रैपर जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह झोपड़ी विशेष रूप से नशा करने के लिए बनाई गई थी और यहां नियमित रूप से अंशु समेत कुछ युवक बैठकर नशा करते थे।

अत्यधिक नशा या सोची-समझी हत्या?
पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि अंशु की मौत अत्यधिक नशे के सेवन से हुई है, लेकिन परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की है। मृतक के बड़े भाई अमित कुमार और पिता सुनील कुमार ने आरोप लगाया है कि यह सिर्फ नशे से जुड़ी हुई सामान्य मौत नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है। उनका कहना है कि अंशु के कुछ तथाकथित दोस्त – जिनके साथ वह अक्सर उस झोपड़ी में बैठता था – के साथ उसका किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।

संदिग्ध दोस्तों की पहचान में जुटी पुलिस
परिजनों का आरोप है कि अंशु के साथ नशा करने वाले युवक – जिनमें से एक का नाम राजा कुमार और दूसरे का नीरज कुमार बताया जा रहा है – घटना के वक्त झोपड़ी में मौजूद थे और अब फरार हैं। फिलहाल पुलिस इन दोनों युवकों की तलाश कर रही है और उनके मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल्स खंगालने की तैयारी कर रही है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद साफ़ होगी तस्वीर
थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि अंशु की मौत नशे की अधिकता से हुई है या फिर उसके साथ कोई हिंसक घटना हुई है।

अभी दर्ज नहीं हुई है प्राथमिकी
इस पूरे मामले में अभी तक मृतक के परिजनों की ओर से किसी तरह की लिखित प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस का कहना है कि वह विभिन्न एंगल से जांच कर रही है। झोपड़ी से बरामद नशीले सामानों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि मौत के पीछे की हकीकत सामने आ सके।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव