पटना।

महनार थाना क्षेत्र के चमरहरा गांव के 16 वर्षीय किशोर आदित्य कुमार सिंह पर 5 जुलाई को चाकू से जानलेवा हमला किया गया था। स्कूल से लौटते समय गांव के ही युवक अंशु पासवान ने उस पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हमले के बाद आदित्य को पहले महनार अस्पताल, फिर हाजीपुर सदर और अंत में 10 जुलाई को पटना एम्स रेफर किया गया, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। उसके इलाज के लिए चाचा अभिषेक कुमार सिंह, समरेश कुमार सिंह, निर्भय कुमार सिंह समेत परिवार के लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

पीड़ित परिजनों ने महनार पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इतनी गंभीर वारदात के बाद भी पुलिस ने अब तक आदित्य का बयान तक दर्ज नहीं किया है। परिजनों का दावा है कि अंशु पासवान एक आपराधिक प्रवृत्ति का युवक है, जो घटना के बाद भी गांव में खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी ने फेसबुक पर पिस्टल के साथ अपनी तस्वीरें डाली हैं, जिससे उसकी मानसिकता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। परिजनों का यह भी आरोप है कि आरोपी पक्ष द्वारा अब उन्हें धमकियां मिल रही हैं।

हमलावर अंशु पासवान, गांव के शिवजी पासवान का नाती बताया जा रहा है, जो चमरहरा में अपने ननिहाल में रहता था। हमले के बाद स्थानीय लोगों की मदद से आदित्य को अस्पताल पहुंचाया गया और 6 जुलाई को महनार थाना में नामजद एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस सिर्फ औपचारिकता निभा रही है और आरोपी के नाना-नानी को थाने में बैठा कर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है, जिससे निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

इस घटना के बाद से चमरहरा गांव में भारी तनाव और डर का माहौल है। ग्रामीणों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। परिजनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीजीपी और अन्य उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अब सबकी निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव