सूत्रधार संस्था द्वारा खगौल में श्रद्धांजलि सभा, स्त्री विमर्श पर परिचर्चा

खगौल।

महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की 54वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय सांस्कृतिक संस्था सूत्रधार की ओर से राधा कृष्ण हॉल में एक भावपूर्ण आयोजन किया गया। इसमें उनके नाटकों में निहित स्त्री विमर्श विषय पर चर्चा के साथ लोकगायन का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।

आरंभ में भिखारी ठाकुर की प्रतिमा और हाल ही में दिवंगत संस्था से जुड़े रंगकर्मी राम नारायण पाठक व कला प्रेमी राजकिशोर गुप्ता (बब्लू) को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद लवकुश ने ठाकुर रचित गीतों की प्रस्तुति दी, जिनका साथ अभिजीत (तबला), राजीव रंजन त्रिपाठी (नाल) और भोला सिंह (हारमोनियम) ने दिया।

मुख्य परिचर्चा में नवाब आलम ने भिखारी ठाकुर के नाटकों में सामाजिक कुरीतियों और महिलाओं के अधिकारों को लेकर उनके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ठाकुर ने अनुभवों के आधार पर समाज को आईना दिखाया।

पंकज मिश्रा ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का प्रारंभिक स्वर बताया। विनोद शंकर मिश्र ने “बिदेशिया” के माध्यम से स्त्री पीड़ा को उजागर करने की बात कही। अरुण सिंह ने कहा कि ठाकुर ने स्त्री मनोविज्ञान को गहराई से समझा। अरुण सिंह पिंटू ने “बेटी बेचवा” का उदाहरण देकर उनकी सरल एवं प्रभावशाली शैली की प्रशंसा की। दीनानाथ प्रसाद यादव ने भिखारी ठाकुर को शेक्सपियर से भी महान बताया।

जय प्रकाश मिश्र, प्रीतम कुमार, अशोक कुणाल सहित अन्य वक्ताओं ने भी ठाकुर से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया। चंदू प्रिंस, मोहन पासवान, अनीता देवी, अमरजीत शर्मा, अमन कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव