
फुलवारी शरीफ।
बिहार राज्य जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रभारी एवं पूर्व विधायक अरुण मांझी ने विपक्ष द्वारा आहूत बिहार बंद को पूरी तरह विफल करार देते हुए इसे “टांय-टांय फुस्स” बताया है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसी संवैधानिक प्रक्रिया के विरोध में बंद बुलाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का भी अपमान है।
अरुण मांझी ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिनके शासनकाल में बिहार जंगलराज के दौर से गुजरा, जिन्होंने दलित, महादलित, पिछड़े और गरीब तबकों को हाशिये पर धकेल दिया था, वे आज फिर से जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब बिहार की जनता पूरी तरह जागरूक है और किसी के बहकावे में नहीं आने वाली। महागठबंधन की राजनीति अब हिंसा और अफवाह पर टिक गई है, जबकि एनडीए सरकार युवाओं के भविष्य को मजबूत करने में जुटी है।
पूर्व विधायक मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य में हर वर्ग को बराबरी का हक और समावेशी विकास का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अब जनता झूठे वादों, नारों और बंद-हंगामे की राजनीति से ऊब चुकी है और सकारात्मक बदलाव के साथ खड़ी है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव