हर घर पहुंचेगा BLO, मतदाता सूची से अपात्रों की छुट्टी और नए नामों की एंट्री तय

पटना। बिहार में दो दशकों बाद मतदाता सूची की बड़ी सफाई होने जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जांच करेंगे। मकसद है – हर योग्य नागरिक का नाम सूची में जोड़ा जाए और फर्जी या अपात्र लोगों को हटाया जाए।

2003 के बाद पहली बार इस स्तर का व्यापक रिवीजन हो रहा है। आयोग की मंशा है कि शहरीकरण, माइग्रेशन, नई उम्र के मतदाता, मृत्यु का अद्यतन रिकॉर्ड और अवैध विदेशी नागरिकों जैसे मुद्दों से मतदाता सूची को दुरुस्त किया जाए।

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) अब दावों और दस्तावेजों को ECINET पोर्टल पर अपलोड करेंगे। हालांकि, गोपनीयता बरकरार रहेगी – केवल अधिकृत अफसर ही इन दस्तावेजों को देख सकेंगे।

किसी मतदाता या राजनीतिक दल की ओर से दावे या आपत्ति मिलने पर, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) जांच करेंगे। ERO उसी आधार पर अंतिम निर्णय लेंगे। अगर कोई असंतुष्ट होता है, तो वह जिला पदाधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास अपील कर सकता है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बीमार और कमजोर तबकों को पूरी सुविधा दी जाए। जरूरत पड़ी तो स्वयंसेवक भी तैनात किए जाएंगे। सभी DEO, ERO और BLO को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि यह प्रक्रिया बिना किसी अव्यवस्था के चले।


ECI ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे बूथ स्तर पर Booth Level Agents (BLAs) की तैनाती करें। इनकी सक्रिय भागीदारी से मतदाता सूची में गड़बड़ियों को शुरुआती स्तर पर ही दुरुस्त किया जा सकेगा। इससे विवाद और अपीलों की संख्या भी घटेगी।


निर्वाचन आयोग का यह कदम बिहार की लोकतांत्रिक प्रणाली को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। अगर प्रक्रिया में जनता और राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी रही, तो 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एक आदर्श मतदाता सूची तैयार हो सकती है।

ब्यूरो रिपोर्ट