
पटना।
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राजधानी पटना के IAS भवन में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में शिक्षिका नीतू शाही ने बीसवीं बार रक्तदान कर एक अनुकरणीय मिसाल पेश की। शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित नीतू शाही सामाजिक सरोकारों में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। उनके इस सराहनीय कदम ने न केवल समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया, बल्कि कई लोगों को प्रेरित भी किया।
शिक्षिका नीतू शाही ने कहा, “हम शिक्षक केवल किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि अपने कार्यों और व्यवहार से भी बच्चों को जीवन मूल्य सिखाते हैं। रक्तदान जैसे कार्य समाज में सहानुभूति, सेवा भावना और मानवता को मजबूत करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि रक्तदान एक ऐसा महादान है, जो किसी अनजान व्यक्ति की जिंदगी बचा सकता है। यह न केवल जीवन देने का कार्य है, बल्कि मानवता की सेवा का सबसे सुंदर रूप भी है।
रक्तदान शिविर में हिस्सा लेकर नीतू शाही ने यह साबित किया कि शिक्षक केवल कक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में बदलाव और प्रेरणा के वाहक बन सकते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस पावन कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसे अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाएं।
उनके इस प्रयास की हर ओर सराहना हो रही है। सामाजिक संगठनों से लेकर शिक्षा जगत तक, शिक्षिका नीतू शाही की यह पहल एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।
रक्तदान करें, जीवन बचाएं — यही है आज के दिन का सबसे बड़ा संदेश।
ब्यूरो रिपोर्ट