आसमान की उड़ान बनी ज़िंदगी की आख़िरी मंज़िल

पटना।
बिहार की एक और होनहार बेटी की उड़ान ने ऐसी करवट ली कि पूरे प्रदेश को शोक में डुबो गई। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में हुए हादसे में पटना की मनीषा थापा की दर्दनाक मौत हो गई। मनीषा फ्लाइट में बतौर एयर होस्टेस ड्यूटी पर थीं। हादसे की खबर मिलते ही राजधानी पटना के जगदेव पथ स्थित महुआबाग इलाके में कोहराम मच गया।

24 वर्षीय मनीषा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। वे पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं। इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन के बाद एयर होस्टेस की ट्रेनिंग लेकर उन्होंने कम उम्र में ही इंटरनेशनल एयरलाइंस में नौकरी हासिल की थी। घरवालों की आंखों में हमेशा उनकी उड़ान को लेकर गर्व था, लेकिन किसी को क्या पता था कि वही उड़ान उनकी ज़िंदगी की आखिरी उड़ान बन जाएगी।

मनीषा के दोनों चाचा – बबलू थापा और गुड्डू थापा – बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (BSAP) में तैनात हैं। हादसे की खबर मिलते ही पूरा परिवार सदमे में आ गया। बिना समय गंवाए परिजन अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए।

उनके मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा है। पास-पड़ोस के लोग और रिश्तेदार लगातार उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं। हर किसी की आंखें नम हैं और जुबान पर एक ही बात – “मनीषा जैसी होशियार, संस्कारी और प्यारी बेटी बिरले ही मिलती है।”

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मनीषा के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है और एक शोक संदेश भी जारी किया गया है।

जिन आंखों में आसमान को छूने का सपना था, वे आंखें अब हमेशा के लिए बंद हो गईं। मनीषा का जाना सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे बिहार की क्षति है। यह हादसा एक कड़वा सबक भी है कि कभी-कभी सपनों की ऊंचाई तक पहुंचना भी ज़िंदगी की सबसे बड़ी कीमत बन जाता है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव