
छह थानों में 5,000 लीटर से अधिक जब्त शराब अब तक नष्ट नहीं, डीएम ने जताई सख्त नाराज़गी
पटना।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मद्यनिषेध एवं उत्पाद से जुड़े मामलों की गहन समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शराबबंदी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जब्त शराब का तत्काल विनष्टीकरण और जब्त वाहनों का मूल्यांकन कर शीघ्र नीलामी सुनिश्चित करने को कहा गया।
समीक्षा में यह सामने आया कि जिले में कुल 1,44,361 लीटर शराब नष्ट किए जाने की प्रतीक्षा में है। इसमें से पुलिस विभाग के पास 1,26,714 लीटर और उत्पाद विभाग के पास 12,976 लीटर शराब पड़ी हुई है। जिलाधिकारी ने फुलवारी शरीफ, बिहटा, दीदारगंज, दानापुर, फतुहा और अगमकुआं थानों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए नाराज़गी जताई, जहां प्रत्येक में 5,000 लीटर से अधिक शराब जमा है।
डीएम ने निर्देश दिया कि इन थानों में भौतिक सत्यापन कर विशेष अभियान चलाकर लंबित शराब का शीघ्र विनष्टीकरण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि औसतन एक महीने की जब्ती से अधिक शराब किसी भी हाल में थानों में लंबित नहीं रहनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो संबंधित थानाध्यक्ष और अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में वाहन अधिहरण के मामलों की स्थिति भी सामने आई। जिले में 824 अधिहरण वाद लंबित हैं और 808 जब्त वाहनों का मूल्यांकन किया जाना बाकी है। जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी और उत्पाद आयुक्त को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय से शीघ्र प्रक्रिया पूरी कर नीलामी कराएं। थानों को भी निर्देश दिया गया कि एमवीआई द्वारा मूल्यांकन के समय हरसंभव सहयोग दिया जाए।
डीएम ने स्पष्ट किया कि शराब विनष्टीकरण के प्रस्ताव प्राप्त होते ही जिला स्तर से 48 घंटे के भीतर आदेश पारित कर दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जमीन पर कार्य में देरी हो रही है, जो चिंताजनक है। उन्होंने तय समय सीमा भी निर्धारित की—देशी शराब का विनष्टीकरण अधिकतम 10 दिनों में और विदेशी शराब का अधिकतम 15 दिनों के भीतर हर हाल में होना चाहिए।
उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक सप्ताह दो दिन थानों में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाए ताकि विनष्टीकरण की प्रक्रिया नियंत्रित और नियमित बनी रहे। इसके अलावा, नियमित छापेमारी, गिरफ्तारी और जब्ती की कार्रवाई भी तेज करने को कहा गया।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि शराब जब्ती और विनष्टीकरण में अंतर, या जब्त वाहनों और अधिहरण प्रस्तावों में असंगति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। सभी अधिकारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप तेज़ी से कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब प्रत्येक सप्ताह इन मामलों की समीक्षा वह स्वयं करेंगे और किसी भी प्रकार की ढिलाई पर कठोर कार्रवाई तय है।
ब्यूरो रिपोर्ट