
फुलवारी शरीफ।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एम्स पटना के जनरल मेडिसिन विभाग द्वारा विश्व हाइपरटेंशन माह 2025 (17 मई से 16 जून) के तहत जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य आम नागरिकों और संस्थान के कर्मचारियों को हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) तथा इससे होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जागरूक करना था।
इस कड़ी में 29 मई से 31 मई तक तीन दिवसीय हाइपरटेंशन स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 200 कर्मचारियों की रक्तचाप जांच की गई और उन्हें आवश्यक परामर्श दिया गया। साथ ही जनरल मेडिसिन ओपीडी में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के बीच करीब 250 पंपलेट्स वितरित कर हाइपरटेंशन से बचाव और जागरूकता का संदेश दिया गया।
अभियान के तहत 3 जून को एम्स पटना परिसर में सुबह 9 बजे एक भव्य वॉकाथॉन का आयोजन किया गया। इसके पश्चात जनरल मेडिसिन ओपीडी कॉम्प्लेक्स में मरीजों व उनके परिजनों के लिए जनजागरूकता व्याख्यान भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक-सह-सीईओ प्रो.(डॉ.) सौरव वर्श्नेय ने किया, जबकि उद्घाटन जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) ज्योति प्रकाश के स्वागत भाषण से हुआ।
प्रो. वर्श्नेय ने नियमित रक्तचाप जांच की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि खासकर प्री-हाइपरटेंशन अवस्था वालों को समय रहते सचेत रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव और शुरुआती पहचान से हाइपरटेंशन की गंभीर स्थिति को रोका जा सकता है। कार्यक्रम में डीन (शैक्षणिक) प्रभारी प्रो.(डॉ.) रुचि सिन्हा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो.(डॉ.) अनुप कुमार, उप निदेशक (प्रशासन) श्री नीलोत्पल बल सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग व पारा-मेडिकल स्टाफ तथा अन्य कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव