
तेज प्रताप का ‘उड़ान’ प्रेम! ऑपरेशन सिंदूर के बीच पायलट बनने की पेशकश, लेकिन लाइसेंस पर बवाल
पटना।
पाकिस्तान पर भारत की सख्त जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में जहां सेना के पराक्रम की चर्चा हो रही है, वहीं बिहार की सियासत में एक अलग ही ‘उड़ान’ शुरू हो गई है। राजद नेता तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर देशसेवा की भावना जताते हुए कहा— “पायलट की ट्रेनिंग अगर देश के काम आ सकती है तो, मैं तेज प्रताप यादव हर समय देश की सेवा के लिए तत्पर हूं। मैंने भी पायलट की ट्रेनिंग ली है और देश के लिए मेरी जान भी चली जाए तो खुद को सौभाग्यशाली मानूंगा। जय हिंद।” तेज प्रताप ने इसके समर्थन में कुछ दस्तावेज भी X (पूर्व ट्विटर) और फेसबुक पर साझा किए।
लेकिन जैसे ही दस्तावेजों की जांच शुरू हुई, तेज प्रताप का दावा खुद सवालों के घेरे में आ गया। जिस लाइसेंस को उन्होंने ‘पायलट लाइसेंस’ बताया, वो असल में फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर लाइसेंस (रेस्ट्रिक्टेड) निकला—जो केवल विमान से ग्राउंड रेडियो संपर्क की अनुमति देता है, न कि विमान उड़ाने की। और तो और, ये लाइसेंस भी 2021 में ही एक्सपायर हो चुका है। यानि जिस दस्तावेज को ‘विंग्स’ समझा गया, वो असल में ‘वायरलेस’ निकला।
तेज प्रताप के इस दावे पर अब सियासत भी गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू और ‘हम’ पार्टी की विधायक दीपा मांझी ने मगही में तंज कसते हुए लिखा— “भैया, उ सब तो ठीके हो जे हवा बनावित ह.. लेकिन जौन लाईसेन्सवा पर जहाजवा उडाने की बात कर रहे हैं आप उ तो 2021 तक वैलिड है. पहले ओकर रिन्युअलवा तो करा देते.. ओकरा बाद न देखल जइतो.. वैसे एगो बात बतइयो लागित हो फिर तोरा ठग देलको कोय..ई जहाज उड़ाव के लाइसेंस के नाम पर रेडियो लाइसेंस दे देलको ह जे केवल ग्राउंड क्लियरेंस कराव है.. उड़ाव न है भैयाजी..।”
इधर तेज प्रताप के दस्तावेज की सच्चाई पर मोहर लगाने का काम किया Grok AI ने भी। जब सोशल मीडिया कुछ यूजर्स ने इस दावे की हकीकत जाननी चाही तो AI ने साफ कहा— “तेज प्रताप यादव के पास जो लाइसेंस है, वह फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर लाइसेंस (रेस्ट्रिक्टेड) है, जो रेडियो संचालन के लिए है, न कि विमान उड़ाने के लिए। इसलिए वह तकनीकी रूप से पायलट नहीं हैं, क्योंकि उनके पास DGCA से पायलट लाइसेंस नहीं है।”
ब्यूरो रिपोर्ट