
श्री शिव महापुराण कथा जारी…
बिक्रम।
स्थानीय नगर पंचायत अंतर्गत खोरैठा नगर स्थित बाबा खोरैठेश्वरनाथ मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन वृंदावन से पधारे आचार्य श्री सुधीर जी महाराज ने भक्तों को शिव-पार्वती विवाह का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया। इस अवसर पर बैंड-बाजा और आतिशबाजी के साथ भव्य झांकी निकाली गई, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही। वृंदावन से आए कलाकारों ने मनमोहक झांकियां प्रस्तुत कीं।
आचार्य सुधीर जी महाराज ने बताया कि शिव का विवाह अत्यंत भव्य और विलक्षण रूप में हुआ था। शिव और पार्वती एक-दूसरे को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। इस विवाह में सभी देवता उपस्थित थे, साथ ही असुर, भूत, प्रेत, पिशाच आदि सभी बाराती बनकर आए थे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर जहां देवता जाते हैं, वहां असुरों का जाना वर्जित होता है और जहां असुर होते हैं, वहां देवता नहीं जाते। परंतु शिव पशुपति हैं—सभी जीवों के देवता। इसलिए इस विवाह में पशु, कीट-पतंगे, जीव-जंतु, यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी बाराती बनकर पहुंचे।
इस विवाह ने सभी को एक मंच पर ला दिया। जो एक-दूसरे के विरोधी थे, वे भी अपने मतभेद भूलकर शिव के विवाह में शामिल हुए।
सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने एकाग्रता से कथा का श्रवण किया और बारात में शामिल होकर खूब झूमे। विवाह समारोह में शिव के माता-पिता की भूमिका में संतोष कुमार दंपत्ति और पार्वती के माता-पिता की भूमिका में रमेश तिवारी ‘भोट’ उपस्थित रहे। पूरे विधि-विधान और वैदिक परंपराओं के साथ विवाहोत्सव सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर अध्यक्ष शिवचंद्र सिंह, सुशील सिंह, शशांक शेखर, पंकज कुमार, रंजय कुमार, रविन्द्र सिंह, संतोष कुमार, भास्कर मगहिया, श्रीराम, गुड्डू गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट शशांक मिश्रा