फुलवारी शरीफ।
खानकाह-ए-रहमानी, मुंगेर के सज्जादा नशीन और अमीर-ए-शरीयत (बिहार, झारखंड, उड़ीसा) हज़रत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की तीव्र निंदा की है। उन्होंने इसे न सिर्फ इस्लामी शिक्षाओं बल्कि सम्पूर्ण मानवता के खिलाफ बताया है।

हज़रत रहमानी ने कहा, “निर्दोष पर्यटकों की हत्या कुरान की उस शिक्षा के विरुद्ध है, जो एक बेगुनाह की जान लेने को पूरी इंसानियत की हत्या के समान ठहराती है।” उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर को भय और हिंसा का नहीं, शांति, न्याय और सम्मान का प्रतीक बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने इस हमले को लेकर सुरक्षा तंत्र की विफलता और राजनीतिक नेतृत्व की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए, और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

हज़रत ने यह भी कहा कि इस तरह के हमलों के पीछे छिपे राजनीतिक या आर्थिक लाभ की भी जांच जरूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसे कृत्यों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव