नई दिल्ली।
रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह वेटिकन सिटी में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे पोप को दोहरे निमोनिया के चलते पिछले 38 दिनों से अस्पताल में भर्ती किया गया था। 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस ने ईस्टर मंडे के दिन अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है।

भारत में पोप फ्रांसिस के सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि 22 और 23 अप्रैल को दो दिन का शोक रहेगा, जबकि अंतिम संस्कार वाले दिन एक और दिन का शोक रखा जाएगा। इस दौरान देशभर में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी भी तरह का आधिकारिक मनोरंजन नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें करुणा, सेवा और समावेशिता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस ने मानवता की सेवा में खुद को समर्पित कर दिया था और भारतीयों के प्रति उनका विशेष स्नेह था। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वे पोप के साथ अपनी मुलाकातों को हमेशा याद रखेंगे और उनकी शिक्षाएं दुनियाभर के लोगों को प्रेरणा देती रहेंगी।

ब्यूरो रिपोर्ट