
पटना।
परसा बाजार के नथुपुर स्थित रेलवे जमीन पर बसे महादलितों को उजाड़ने की धमकी के खिलाफ भाकपा माले ने मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने 21 अप्रैल को प्रखंड मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन की घोषणा की है. हवाएं वर्षों से सड़क और रेलवे लाइन के किनारे बसे इन परिवारों के सामने अब आगे की जिंदगी कहां गुजरेगी यहां बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्ग महिलाओं को लेकर वह इस समय कहां जाएं इन्हें समझ में नहीं आ रहा है. अस्थाई तौर पर रेलवे की जमीन पर बसे इन गरीब परिवारों का कहना है कि हमेशा चुनाव में लोकल नेता आते हैं सबका नाम वोटर लिस्ट में है सबका राशन पानी का प्रबंध है बिजली का बिल दिया जाता है सब लोगों को वोट भी देने दिया जाता है अब ऐसी स्थिति में जनप्रतिनिधि ने भी कन्नी काटना शुरु कर दिया है. गरीब मजदूर परिवारों को भाकपा माले से उम्मीद की किरण नजर आई है.
भाकपा माले प्रखंड सचिव गुरुदेव दास ने बताया कि नथुपुर में बीते 70 वर्षों से महादलित नट जाति के करीब 35 परिवार बसे हुए हैं.इन परिवारों का नाम बीपीएल सूची में है, इनके पास राशन कार्ड, वोटर कार्ड और 1994 में बना जाति प्रमाण पत्र भी है.इनके पास न तो कोई वैकल्पिक जमीन है और न ही रहने का अन्य ठिकाना.इसके बावजूद 15 अप्रैल को रेलवे प्रशासन ने 24 घंटे में जमीन खाली करने की चेतावनी दी है.
गुरुदेव दास ने कहा कि नीतीश सरकार ने भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन और पक्का मकान देने का वादा किया था.
सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला है कि जब तक वैकल्पिक व्यवस्था न हो, तब तक किसी को उजाड़ा नहीं जा सकता.
सरकार जनता से किए वादे निभाने में विफल रही है और अब गरीबों के साथ अन्याय कर रही है.
भाकपा माले ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने महादलित परिवारों को बसाने की ठोस पहल नहीं की तो आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव