
आरा (भोजपुर)।
भोजपुर समाहरणालय सभागार में मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे जिले के लापरवाह कर्जदारों की नींद उड़ा दी। राजस्व परिषद, बिहार के अध्यक्ष के.के. पाठक ने जैसे ही माइक संभाला, पूरा सिस्टम एक्शन मोड में आ गया। उन्होंने साफ कहा—”15 दिन में पैसा नहीं दिया, तो बॉडी वारंट लो और सीधे जेल जाओ!”
बैठक में खुलासा हुआ कि भोजपुर जिले में इस समय 41 न्यायालय चालू हैं और उनमें 15,552 वाद लंबित पड़े हैं। ये वाद कोई मामूली नहीं—कुल 440.07 करोड़ रुपये की वसूली इससे होनी है। अब तक 13,277 वादों में नोटिस जारी हो चुके हैं, 177 डिस्ट्रेस वारंट और 698 बॉडी वारंट भी निकल चुके हैं।
पाठक साहब का साफ फरमान:
1. धारा 7 के तहत बाकी सभी वादों में तुरंत नोटिस जाए
2. 30 दिन बाद एक बार फिर रिमाइंडर भेजा जाए
3. फिर भी 15 दिन में भुगतान न हो तो बिना समय गंवाए बॉडी वारंट ठोंक दो!
पुलिस अधीक्षक राज को सीधे निर्देश—डीएसपी (मुख्यालय) और सभी एसडीपीओ मिलकर कर्जदारों को पकड़ें, कोर्ट में पेश करें। जरूरत पड़ी तो क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल) को भी एक्टिव किया जाए।
बात यहीं नहीं रुकी। पाठक ने नीलाम पत्र शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को कहा कि वादों का समानुपातिक वितरण तुरंत सुनिश्चित किया जाए और बैंकों को हर माह पंजी-9 का मिलान करना अनिवार्य किया जाए।
इस अवसर पर सफीना ए.एन., दया निधान पांडेय, गिरिवर दयाल सिंह, तनय सुल्तानिया, राज (पुलिस अधीक्षक), डॉ. अनुपमा सिंह, पटना प्रमंडल आयुक्त के सचिव, सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी, सभी बैंकों के प्रतिनिधि और कई अन्य अफसर बैठक में मौजूद रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट अनील त्रिपाठी