
पटना।
पटना जिले में मद्यनिषेध कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह पूरी तरह सख्त नजर आए। मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मद्यनिषेध एवं उत्पाद मामलों की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जब्त शराब का विनष्टीकरण तुरंत किया जाए और जब्त वाहनों का विधिसम्मत मूल्यांकन कर जल्द से जल्द नीलामी सुनिश्चित की जाए।
“शराबबंदी सर्वोच्च प्राथमिकता”
बैठक के दौरान डीएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि थानों में लंबित मद्यनिषेध मामलों की संयुक्त समीक्षा कर तेजी से निपटारा करें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और प्रशासन को इसकी सफलता सुनिश्चित करनी है।
1.5 लाख लीटर शराब अब भी लंबित, डीएम ने जताई नाराजगी
सहायक आयुक्त (मद्यनिषेध) द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह सामने आया कि लगभग 1.5 लाख लीटर शराब का विनष्टीकरण अब भी लंबित है। इस पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह स्थिति कतई स्वीकार्य नहीं है। थानों में जमा शराब का भौतिक सत्यापन कर विशेष अभियान चलाकर इसका शीघ्र विनष्टीकरण किया जाए।
“देशी शराब 10 दिन में, विदेशी 15 दिन में नष्ट हो”
डीएम डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि जैसे ही शराब विनष्टीकरण का प्रस्ताव प्राप्त होता है, जिला स्तर से 48 घंटे के भीतर आदेश पारित कर दिया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि देशी शराब का विनष्टीकरण 10 दिन और विदेशी शराब का अधिकतम 15 दिन में हर हाल में हो जाना चाहिए।
750 जब्त वाहन नीलामी की राह में
बैठक में यह भी उजागर हुआ कि लगभग 750 जब्त वाहनों की नीलामी अभी तक लंबित है। डीएम ने इस पर असंतोष जताते हुए कहा कि वाहन अधिहरण का प्रस्ताव अधिकतम 30 दिन के भीतर जिला कार्यालय में भेजा जाना चाहिए, ताकि समयबद्ध नीलामी हो सके।
गैप नहीं चलेगा: कार्रवाई तय
डीएम ने कहा कि शराब की जब्ती और विनष्टीकरण के बीच कोई भी गैप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, जब्त वाहनों और उनके अधिहरण प्रस्तावों के आंकड़ों में भी अंतर न रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि तय मानकों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।
हर सप्ताह होगी समीक्षा
डॉ. सिंह ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा अब हर सप्ताह की जाएगी। उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिया कि छापेमारी, गिरफ्तारी, जब्ती और कानूनी कार्रवाई में कोई ढिलाई न बरती जाए।
पटना मॉडल बन रहा है – डीएम
अंत में डीएम ने कहा कि पटना जिले ने मद्यनिषेध कानून के क्रियान्वयन में अब तक सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने अधिकारियों को कन्विक्शन दर बढ़ाने और अधिहरण वादों को प्राथमिकता से निष्पादित करने के निर्देश देते हुए कहा – “अब हर कदम जवाबदेही का होगा।”
ब्यूरो रिपोर्ट