प्रशासन पर भड़के लोग,मीडिया पर भी फूटा गुस्सा

पटना।

फुलवारी शरीफ के नोहसा इलाके में रविवार सुबह 14 वर्षीय मोहम्मद आरजू सिद्दीकी की तालाब में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। मृतक के पिता मुन्ना मियां इलाके में सब्जी विक्रेता हैं। इस घटना के बाद इलाके में कोहराम मच गया और परिजनों ने प्रशासन की देरी पर जमकर आक्रोश जताया।

तालाब में डूबने से गई जान, प्रशासन की लापरवाही से भड़के लोग
घटना नोहसा के एक बड़े खाली प्लॉट में हुई, जो वर्षों से तालाब में तब्दील हो चुका है। सुबह लड़का साइकिल चलाते-चलाते तालाब में गिर गया और गहरे पानी में डूब गया। परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू की तो पहले साइकिल मिली, फिर काफी मशक्कत के बाद लड़के को बाहर निकाला गया। जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मीडिया पर भी उतारा गुस्सा, पत्रकार से छीना मोबाइल
घटना के बाद परिवारवालों और मोहल्ले के लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि समय पर पुलिस और बचाव दल पहुंचता तो शायद बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। गुस्साए लोगों ने मीडिया को भी निशाना बनाया, कवरेज कर रहे पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया और उसका मोबाइल तक छीन लिया, जिसे बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद लौटाया गया।

प्रशासन पर गंभीर आरोप, क्यों नहीं पहुंची रेस्क्यू टीम?
एआईएमआईएम नेता मोहम्मद सोनू ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि समय रहते गोताखोर, एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीम भेजी जाती तो शायद बच्चे को बचाया जा सकता था। स्थानीय थाना पुलिस के अनुसार, परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और उसे घर ले गए।

अब उठ रहे सवाल – कब सुधरेगा प्रशासन?
इस हादसे ने प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अगर इलाके में पहले ही सुरक्षा के इंतजाम होते, या प्रशासन तत्परता दिखाता, तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव