पटना।

बिहार में मत्स्य पालन की प्रगति की समीक्षा के लिए निदेशक मत्स्य, बिहार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहरसा, गया, पूर्वी चंपारण, मधेपुरा, मधुबनी और दरभंगा जिलों में संचालित योजनाओं की स्थिति पर चर्चा हुई।प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत राज्य में मत्स्य पालन को संगठित और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, गया जिले में 21 हेक्टेयर, सहरसा में 188 हेक्टेयर, पूर्वी चंपारण में 35 हेक्टेयर, मधेपुरा में 16 हेक्टेयर, मधुबनी में 86 हेक्टेयर और दरभंगा में 15 हेक्टेयर क्षेत्र में नए तालाबों और रियरिंग तालाबों का निर्माण एवं इसके साथ ही उन्नत इनपुट योजनाओं का कार्यान्वयन भी पूरा किया गया है। यह पहल न केवल मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी सहायक होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न जिलों में नए तालाबों और रियरिंग तालाबों का निर्माण किया गया है, जिससे मत्स्य उत्पादन और मछुआरों की आय में वृद्धि होगी। निदेशक मत्स्य ने कार्यों में तेजी लाने और पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक के दौरान निदेशक मत्स्य ने उपस्थित सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि तालाब निर्माण एवं रियरिंग तालाब निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन उद्योग के विस्तार से न केवल राज्य में मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि इससे मछुआरों की आय में भी वृद्धि होगी।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव