
पटना।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने आज जिले के राजस्व मामलों की व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस दौरान दाखिल-खारिज, परिमार्जन, भूमि नापी, भूमि विवाद समाधान, भू-अर्जन, सीमांकन, अतिक्रमण हटाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई।
डॉ. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि “मिशन जीरो एक्सपायर्ड” अभियान की शुरुआत आज से जिलेभर में की जा रही है, जिसका लक्ष्य 22 मार्च 2025 तक सभी लंबित आवेदनों का शत-प्रतिशत निपटारा करना है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी अंचल में निर्धारित समयसीमा से अधिक आवेदन लंबित नहीं रहने चाहिए।
1. 96.62% दाखिल-खारिज आवेदनों का निपटारा:
जिले में अब तक प्राप्त 9,29,672 दाखिल-खारिज आवेदनों में से 8,98,242 का निपटारा किया जा चुका है। यह कुल आवेदनों का 96.62% है।
2. लंबित मामलों पर विशेष जोर:
75 दिनों से अधिक समय से लंबित 14,719 दाखिल-खारिज आवेदन और परिमार्जन प्लस के 35,511 लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
3. अच्छे प्रदर्शन पर प्रशस्ति-पत्र, लापरवाही पर सख्ती:
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
4. अच्छे और खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों की स्थिति:
बेहतर प्रदर्शन वाले अंचल:
खुसरूपुर: 8 लंबित मामले
दनियावां: 11 मामले
घोसवरी: 16 मामले
पंडारक: 37 मामले
मनेर: 39 मामले
अधिक लंबित मामलों वाले अंचल (खराब प्रदर्शन):
बिहटा: 3,803 मामले
सम्पतचक: 2,302 मामले
दीदारगंज: 1,355 मामले
दानापुर: 1,198 मामले
नौबतपुर: 734 मामले
5. परिमार्जन प्लस (डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार) के आंकड़े:
कुल प्राप्त आवेदन: 51,641
लंबित आवेदन: 17,452 (सीओ स्तर पर 4,067, कर्मचारी स्तर पर 10,383, राजस्व अधिकारी स्तर पर 3,002)
अच्छे प्रदर्शन वाले अंचल: सम्पतचक, बिक्रम, दुल्हिनबाजार, पंडारक, नौबतपुर
खराब प्रदर्शन वाले अंचल: खुसरूपुर, घोसवरी, पटना सिटी, दीदारगंज, धनरूआ
सबसे अधिक लंबित मामले: बिहटा (76.25% लंबित)
6. आवेदन अस्वीकृति में पारदर्शिता:
आवेदन अस्वीकृत करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। जिन अंचलों में अस्वीकृति दर 37% से अधिक है, वहाँ समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
7. भूमि उपलब्धता के लिए तेजी से कार्य:
सरकारी योजनाओं के लिए भूमि चिन्हित करने और हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश दिए गए हैं।
डीएम का सख्त संदेश:
डॉ. सिंह ने सभी अधिकारियों से जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेने और राजस्व से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता के साथ समयबद्ध तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शासन के निर्देशों के उल्लंघन पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई जाएगी।
बैठक में अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
ब्यूरो रिपोर्ट