पटना।
गरीबों और जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने के लिए विख्यात, पटना के संपतचक भोगीपुर निवासी वयोवृद्ध समाजसेवी सुखदेव सिंह ने एक बार फिर अपने आर्थिक सहयोग से राजस्थान के सुदूरवर्ती क्षेत्र में बीमार लोगों के उपचार और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योगदान के लिए यूनिसेफ ने समाजसेवी सुखदेव बाबू का आभार व्यक्त किया है।

ग्रेटर पटना फाउंडेशन के संस्थापक नागेश्वर सिंह स्वराज ने बताया कि उनके पिता सुखदेव सिंह यूनिसेफ के स्थायी सहयोगी सदस्य हैं। वे गरीब बच्चों को मुफ्त पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराने वाली संस्था “मिशन नौनिहाल सम्मान” के संस्थापक-संरक्षक भी हैं। साथ ही, उन्हें मानवाधिकार संरक्षण सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

राजस्थान के सागवाड़ा में गरीब और पिछड़े समुदाय के लिए “सोलर डीफ्लोरिडेशन यूनिट” की स्थापना में सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) ने एक बार फिर से उनका आभार व्यक्त किया है, जिससे संपतचक और पूरे पटना शहर के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।

नागेश्वर सिंह ने बताया कि राजस्थान के सुदूरवर्ती क्षेत्र सागवाड़ा में पीने के पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा के कारण वहाँ के बच्चे गंभीर बीमारी फ्लोरोसिस से ग्रस्त हो रहे थे। वहीं की 7 वर्षीय बच्ची दीपिका भी इस बीमारी की चपेट में आ रही थी। उसके उपचार के लिए सुखदेव बाबू ने आर्थिक सहायता प्रदान की।

साथ ही, फ्लोरोसिस को रोकने के लिए सोलर डीफ्लोरिडेशन यूनिट की स्थापना में यूनिसेफ को सहयोग दिया, जिसके परिणामस्वरूप वहाँ की बड़ी आबादी इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित हो सकी।

बताया जाता है कि फ्लोराइड युक्त पानी के लंबे समय तक सेवन से लोग फ्लोरोसिस के शिकार हो जाते हैं। यह बीमारी विशेष रूप से आठ वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए अधिक खतरनाक होती है। इसके लक्षणों में दांतों का रंग खराब होना, हड्डियों में कमजोरी और शरीर को स्थायी नुकसान पहुँचना शामिल है।

दीपिका और उसकी माँ जिया में फ्लोरोसिस के शुरुआती लक्षण पाए गए थे, लेकिन सुखदेव बाबू के सहयोग और यूनिसेफ के हस्तक्षेप के कारण उन्हें आवश्यक चिकित्सा और पोषण संबंधी सहायता प्रदान की गई।

यूनिसेफ ने इस प्रक्रिया में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इंदिरा देवी से फ्लोरोसिस पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन भी प्राप्त किया। सोलर डीफ्लोरिडेशन यूनिट के माध्यम से जिया और दीपिका को पोषक तत्वों की उचित खुराक उपलब्ध कराई गई, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। इसके सफल परिणामों के बाद दीपिका के समुदाय के लिए स्थायी रूप से यह यूनिट स्थापित की गई है।

फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एकीकृत फ्लोरोसिस शमन (IFM) दृष्टिकोण का उपयोग किया गया है। इस तकनीक के जरिए बच्चों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना समाजसेवी सुखदेव सिंह के प्रयासों से ही संभव हो पाया है।

यूनिसेफ ने अपने आभार संदेश में कहा है कि सुखदेव सिंह के सहयोग से दीपिका और उसके समुदाय को सुरक्षित स्वास्थ्य प्राप्त हुआ है और एक गंभीर रोग से बचाने में मदद मिली है। उनके इस मानवीय प्रयास से बड़ी आबादी को एक बेहतर जीवन जीने का अवसर मिला है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव