
पटना।
पटना के समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति (DLIS) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और मिशन मोड में काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने होंगे। बैठक में नगर निगम, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, खनन विभाग, कृषि विभाग, भवन निर्माण विभाग सहित अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया।
निर्माण सामग्रियों के खुले परिवहन पर रोक:
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर निर्माण सामग्री को खुले में नहीं रखा जाएगा। परिवहन के दौरान निर्माण सामग्री को ढककर ले जाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए मिस्ट कैनन और वाटर स्प्रिंकलर का नियमित इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा गया है।
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी नजर:
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच के लिए नियमित अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। वर्ष 2019 से जनवरी 2025 तक 24,115 वाहनों की जांच की गई, जिसमें 6,075 वाहनों को पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) विफल पाए जाने पर ₹3.39 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया। फ्लाई ऐश के परिवहन में लापरवाही बरतने वाले वाहनों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
पराली जलाने पर सख्ती:
किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग को निगरानी बढ़ाने और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा।
यातायात व्यवस्था सुधारने पर विशेष जोर:
जिलाधिकारी ने यातायात पुलिस की सराहना करते हुए मीठापुर बाइपास पर ऑटो रिक्शा स्टैंड को सुव्यवस्थित करने के प्रयासों की प्रशंसा की। साथ ही, अन्य प्रमुख स्थानों पर भी ऐसी व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए ताकि ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके।
धूल नियंत्रण के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें:
पटना नगर निगम द्वारा 19 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से प्रतिदिन 800 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई की जा रही है। दानापुर, फुलवारीशरीफ, खगौल और संपतचक में भी नई मशीनें खरीदी जा रही हैं ताकि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को और मजबूती दी जा सके।
वृक्षारोपण और ग्रीन कवर बढ़ाने के निर्देश:
शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों को सड़क किनारे और खाली जमीनों पर वृक्षारोपण के लिए स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए। आगामी वर्षा ऋतु में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाने की योजना है।
अवैध खनन और फ्लाई ऐश प्रबंधन पर कार्रवाई:
खनन विभाग ने जनवरी 2025 में अवैध खनन के खिलाफ 110 छापेमारी कर 30 वाहनों को जब्त किया और ₹41.53 लाख का जुर्माना वसूला। वहीं, फ्लाई ऐश के सुरक्षित परिवहन के लिए एनटीपीसी और अन्य संबंधित एजेंसियों को मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जन-जागरूकता पर जोर:
जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं ताकि बच्चों के माध्यम से समाज में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाई जा सके।
अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करना जरूरी है। उन्होंने सभी विभागों से अपेक्षा जताई कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
यह बैठक पटना में वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें नीतिगत फैसलों से लेकर जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट