पूर्णिया सदर।
कैंसर, जो कि एक जानलेवा बीमारी है, से बचाव और उपचार के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। विश्व कैंसर दिवस 04 फरवरी को इसी उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि लोग कैंसर के प्रति जागरूक हो सकें और समय रहते इसके इलाज के लिए कदम उठा सकें।

पूर्णिया जिले में कैंसर के संभावित मरीजों की जांच और इलाज के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर संचालित है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा कैंसर के लक्षणों की पहचान की जाती है, और जरूरतमंद मरीजों को विशेष इलाज के लिए बाहर भेजा जाता है, जहां उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाता है।

मुख्य कैंसर प्रकार और उनके कारण
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. सुभास कुमार सिंह ने बताया कि आमतौर पर तीन प्रकार के कैंसर होते हैं – मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर), स्तन कैंसर और गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर।
मुंह के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है, जबकि स्तन कैंसर के लिए उम्र, हार्मोनल इलाज, और पारिवारिक इतिहास जिम्मेदार हो सकते हैं। गर्भाशय मुख के कैंसर के कारणों में अस्वस्थ लैंगिक गतिविधियां और एचपीवी वायरस का संक्रमण शामिल हैं।

कैंसर के लक्षण और समय पर इलाज
डॉ. सुभास कुमार सिंह ने कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों की जानकारी दी:
ओरल कैंसर: मुंह में छाले, सफेद दाग, मुँह में जलन
स्तन कैंसर: स्तन या कांख में गांठ, स्तनाग्र से स्राव, त्वचा में बदलाव
सर्वाइकल कैंसर: अनियमित मासिक धर्म, संभोग के बाद रक्तस्राव, असाधारण स्राव

विशेष उपचार के लिए अस्पताल भेजना
कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर के डीटीओ डॉ. ऐश्वर्या राय ने बताया कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान होने पर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अन्य प्रमुख केंद्रों में भेजा जाता है। समय रहते इलाज से कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इलाज में देरी से जोखिम बढ़ जाता है।

कैंसर से सुरक्षा के लिए सही आहार
सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया ने कैंसर से बचाव के लिए संतुलित आहार और जीवनशैली को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों में केमिकल्स होते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। ताजे फल, हरी सब्जियां और नियमित व्यायाम से कैंसर की संभावना कम की जा सकती है।

कैंसर के बारे में जागरूकता और समय पर उपचार न केवल जीवन को बचा सकता है, बल्कि इसे नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। इस संदर्भ में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके लक्षणों के बारे में जानकारी देना महत्वपूर्ण है।

ब्यूरो रिपोर्ट संतोष कुमार